आर्थिक सर्वेक्षण 2024: इस साल तेजी से दौड़ेगी अर्थव्यवस्था, इन क्षेत्रों में हैं काफी संभावनाएं

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नई दिल्ली: भारत में बजट सत्र के दौरान आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया है। जिसके बाद बजट पेश होने वाला है। अगर इस बार के आर्थिक सर्वेक्षण की बात करें तो कई वैश्विक चुनौतियों के बीच चालू वित्त वर्ष 2024-25 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर तेज गति से बढ़ने की उम्मीद है। अगर अनुपात की बात करें तो अनुमान लगाया जा रहा है कि इस साल आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार अगर भारत की जीडीपी की बात करें तो यह 6.5 से सात फीसदी के बीच रहने की उम्मीद है। सोमवार को संसद में पेश आर्थिक समीक्षा 2023-24 में यह अनुमान लगाया गया है।

आर्थिक वृद्धि की दर क्या होगी

अब बात करते हैं वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अनुमानित वृद्धि दर की, तो यह पिछले वित्त वर्ष 2023-24 के लिए अनुमानित 8.2 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर से कम है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 31 मार्च, 2025 को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष के लिए जीडीपी वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।

IMF का अनुमान

भारतीय जीडीपी में वृद्धि के बारे में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और एशियाई विकास बैंक (ADB) जैसी वैश्विक एजेंसियों का मानना ​​है कि चालू वित्त वर्ष में भारत की अर्थव्यवस्था सात प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। समीक्षा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में पेश किए गए दस्तावेज में कहा गया है कि वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 6.5 से सात प्रतिशत (दोनों दिशाओं में उतार-चढ़ाव के साथ) रहने का अनुमान लगाया गया है। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि बाजार की उम्मीदें उच्च स्तर पर हैं। इसके साथ ही इसमें कहा गया है कि अनिश्चित वैश्विक आर्थिक प्रदर्शन के बावजूद घरेलू मोर्चे पर वृद्धि को बढ़ावा देने वाले प्रमुख तत्वों ने 2023-24 में आर्थिक वृद्धि को सहारा दिया है। बेहतर बहीखाता पद्धति से निजी क्षेत्र को मजबूत निवेश मांग को पूरा करने में मदद मिलेगी।

क्या है समीक्षा का पूर्वानुमान

भविष्य की बात करें तो समीक्षा में कहा गया है कि पिछले तीन वर्षों में अच्छी वृद्धि के बाद निजी पूंजी सृजन थोड़ा अधिक सतर्क हो सकता है, क्योंकि अतिरिक्त क्षमता वाले देशों से सस्ते आयात की संभावना है। साथ ही आधुनिक अर्थव्यवस्थाओं में वृद्धि की संभावनाओं में सुधार के साथ वस्तुओं और सेवाओं के निर्यात में भी और वृद्धि होने की संभावना है। समीक्षा में कहा गया है कि भारत मौसम विज्ञान विभाग द्वारा सामान्य वर्षा के पूर्वानुमान और दक्षिण-पश्चिम मानसून के अब तक संतोषजनक प्रसार से कृषि क्षेत्र का प्रदर्शन बेहतर होगा और ग्रामीण मांग में सुधार को समर्थन मिलेगा।

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