दिल्ली उच्च न्यायालय ने कोचिंग सेंटर में छात्रों की मौत से जुड़े मामले में जमानत याचिकाओं पर सीबीआई से जवाब मांगा

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नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को ओल्ड राजेंद्र नगर में कोचिंग सेंटर के बेसमेंट के सह-मालिकों की जमानत याचिकाओं पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जवाब मांगा। मामले के सिलसिले में बेसमेंट के मालिक को गिरफ्तार किया गया था, जो फिलहाल जेल में है। पिछले महीने सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहे तीन छात्रों की इसी बेसमेंट में पानी भर जाने से डूबने से मौत हो गई थी।

दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने बेसमेंट के सह-मालिकों परविंदर सिंह, तजिंदर सिंह, हरविंदर सिंह और सरबजीत सिंह की जमानत याचिकाओं पर एजेंसी को नोटिस जारी किया और जवाब देने को कहा। न्यायमूर्ति शर्मा ने कहा, “यह घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण थी।”

सीबीआई से जवाब मांगा गया

उन्होंने कहा कि मौजूदा मामला “कोई साधारण मामला नहीं है”। अदालत ने सीबीआई के वकील से बेसमेंट के सह-मालिकों की जवाबदेही के बारे में “ठोस सबूत” पेश करने को कहा और घटना में मारे गए छात्रों में से एक के पिता से जमानत याचिकाओं पर “संक्षिप्त जवाब” देने को कहा।

क्या है मामला

जानकारी के लिए बता दें कि 27 जुलाई की शाम को मध्य दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में भारी बारिश के बाद ‘राउज आईएएस स्टडी सर्किल’ कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में डूबने से सिविल सेवा की तैयारी कर रही उत्तर प्रदेश की श्रेया यादव (25), तेलंगाना की तान्या सोनी (25) और केरल के नवीन डेल्विन (24) की मौत हो गई थी। मामले की जांच भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 105 (गैर इरादतन हत्या) सहित अन्य धाराओं के तहत की जा रही है।

मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई

हाईकोर्ट ने मामले की जांच की जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस से लेकर सीबीआई को सौंप दी है। बेसमेंट के चारों सह-मालिकों ने दलील दी कि वे केवल बेसमेंट के मालिक थे, जिसे कोचिंग सेंटर को किराए पर दिया गया था और इसलिए दुर्भाग्यपूर्ण घटना में उनकी कोई भूमिका नहीं है। इससे पहले एक ट्रायल कोर्ट ने आरोपियों की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि सीबीआई जांच अभी शुरुआती चरण में है और मामले में उनकी विशिष्ट भूमिका का पता लगाने की जरूरत है। मामले की अगली सुनवाई 11 सितंबर को होगी।

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