नई दिल्ली। लैटरल एंट्री के जरिए नियुक्तियों को लेकर पिछले कई दिनों से बवाल मचा हुआ था। विपक्षी दल इसे लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साध रहे थे। विपक्षी दलों ने इसे आरक्षण खत्म करने की कोशिश बताया था। वहीं, अब लैटरल एंट्री को लेकर मोदी सरकार बैकफुट पर आ गई है और लैटरल एंट्री भर्ती के विज्ञापन पर रोक लगा दी है।
कार्मिक विभाग के मंत्री जितेंद्र सिंह ने यूपीएससी की चेयरमैन प्रीति सूदन को पत्र लिखकर इस भर्ती को रद्द करने को कहा है। इस पत्र में जितेंद्र सिंह ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी इस बात के लिए दृढ़ संकल्पित हैं कि संविधान में दिए गए समानता के अधिकार के तहत लैटरल एंट्री भर्ती भी होनी चाहिए। खासकर देश में आरक्षण के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी का मानना है कि सार्वजनिक नौकरियों में सामाजिक न्याय के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता होनी चाहिए। इस आरक्षण का उद्देश्य इतिहास में किए गए अन्याय को मिटाना और समाज में समावेशिता और सद्भाव को बढ़ावा देना है।