नई दिल्ली: शनिवार को मोदी सरकार की कैबिनेट मीटिंग के बाद इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ा ऐलान किया। जिसमें यूनिफाइड पेंशन स्कीम को मंजूरी दी गई। जिसके बाद एक बार फिर सोशल मीडिया पर हैशटैग ओपीएस इम्प्लीमेंटेशन ट्रेंड करने लगा।
सरकारी कर्मचारी कई सालों से पुरानी पेंशन स्कीम की मांग कर रहे हैं, इस बीच सरकार के इस ऐलान ने लोगों की मांग को और तेज कर दिया है। लोगों का कहना है कि सरकार इसके जरिए जनता को बेवकूफ बनाने की कोशिश कर रही है। सोशल मीडिया पर कई पोस्ट शेयर किए जा रहे हैं।
एक पोस्ट में लिखा गया कि केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम का ऐलान किया है। लेकिन जिनके लिए आप ऐलान कर रहे हैं उनसे पूछिए कि उन्हें क्या चाहिए? हमें बस अपनी पुरानी पेंशन वापस चाहिए, इसके अलावा कुछ नहीं।
क्या कहा अश्विनी वैष्णव ने
आपको बता दें कि कल कैबिनेट मीटिंग के बाद अश्विनी वैष्णव ने ऐलान किया है कि 1 अप्रैल 2025 से यूपीएस लागू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस स्कीम से 23 केंद्रीय कर्मचारियों को फायदा होगा। अगर राज्य सरकार भी इस योजना पर विचार करती है तो कम से कम 90 लाख कर्मचारियों को इसका लाभ मिल सकेगा।
इसकी घोषणा करते हुए उन्होंने बताया कि इसकी एक और खास बात यह है कि 2004 से रिटायर हुए कर्मचारियों को इस योजना की मदद से एरियर मिलेगा। 2004 में ही पुरानी पेंशन योजना की जगह नई पेंशन योजना शुरू की गई थी। यह भी कहा गया था कि एनपीएस वाले कर्मचारी भी यूपीएस में शामिल हो सकते हैं, लेकिन इसके लिए सिर्फ एक मौका दिया जाएगा।
यूपीएस के जरिए बैकफुट पर आई सरकार
सोशल मीडिया पर ओपीएस की मांग करने वाले लोगों का कहना है कि सरकारी कर्मचारी लगातार ओपीएस लागू करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम नाम का झुनझुना थमा दिया है। केंद्रीय कैबिनेट ने बेसिक पे का 50% यूपीएस के तौर पर देने का फैसला किया है। विपक्षी दल भी सोशल मीडिया के जरिए सरकार पर निशाना साध रहे हैं। किसी ने यूपीएस को धोखाधड़ी का नया तरीका बताया है तो किसी ने कहा है कि इस योजना के चलते सरकार एक बार फिर बैकफुट पर आ गई है।