कोलकाता: पश्चिम बंगाल से जालसाजी की यह खबर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। जिसमें पश्चिम बंगाल के एक कारोबारी द्वारा की जा रही नकली एंटीक मूर्तियों की तस्करी का पर्दाफाश हुआ है। इस पूरी कहानी में कारोबारी के बेडरूम की अहम भूमिका मानी जा रही है। दरअसल, पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के कुलताली सोनारपुर का एक कारोबारी बांग्लादेश से नकली मूर्तियां लाकर बंगाल में बेचता था, जो बिल्कुल असली जैसी दिखती थीं। वह कारोबारी कहता था कि ये मूर्तियां अष्टधातु से बनी हैं। जिसके चलते इसकी कीमत भी लाखों में लगाई जाती थी। इसकी जानकारी मिलते ही पुलिस ने आरोपी के घर पर छापेमारी की। जहां पुलिस को आरोपी के बेडरूम में बंगाल से बांग्लादेश तक जाने वाली एक सुरंग मिली।
सुरंग के जरिए भाग निकला
नकली मूर्तियों की बिक्री की शिकायत मिलने के बाद पुलिस की ओर से कई बार छापेमारी की गई। आरोपी हमेशा इसी सुरंग के जरिए भाग निकलते थे और पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगती थी। इस बार जब पुलिस छापेमारी करने पहुंची तो आरोपी के घर से फायरिंग की गई। जिसके बाद पुलिस ने पूरे घर को घेर लिया। इसके बाद सारी पुलिस अंदर चली गई। पूरे घर की तलाशी लेने के बाद भी आरोपी नहीं मिला। जांच करते हुए पुलिस जब उसके बेडरूम में पहुंची तो बेड के नीचे एक सुरंग नजर आई। इसकी जांच करने पर पता चला कि यह सुरंग नहर की ओर जाती है। उस नहर से शुरू होकर एक रास्ता जय नगर की ओर जाता है। दूसरी ओर मतला नदी का रास्ता है।
कैसे खेला गया पूरा खेल
पुलिस की जांच के दौरान दो महिलाओं ने उन्हें तब तक उलझाए रखा जब तक दोनों आरोपी सुरंग के जरिए भाग नहीं गए। इन महिलाओं ने बताया कि दोनों आरोपियों द्वारा बांग्लादेश के ढाका में नकली एंटीक मूर्तियां बनाने का काम किया जाता है। इसके बाद इन मूर्तियों को बॉर्डर पार कराया जाता है। फिर सोनारपुर लाकर बेचा जाता है। पुलिस को जानकारी देते हुए महिलाओं ने बताया कि इन मूर्तियों को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से बेचा जाता है। इसके लिए सोशल मीडिया पर विज्ञापन भी छपवाए गए थे। आरोपी ग्राहकों से यह कहकर मोटी रकम वसूलते थे कि उनकी मूर्तियां अष्टधातु से बनी हैं।