बेसिक शिक्षा विभाग के विद्यालयों में ऑनलाइन हाजिरी का विरोध जारी है। सरकार ने अब प्रदेश के सभी सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए बायोमेट्रिक हाजिरी अनिवार्य कर दी है।
शिक्षकों की डिजिटल हाजिरी: यूपी में बेसिक शिक्षा विभाग के विद्यालयों में ऑनलाइन हाजिरी का विरोध जारी है। तमाम कोशिशों के बावजूद 13 जुलाई को एक प्रतिशत भी हाजिरी ऑनलाइन नहीं लग सकी। प्रदेश के 609532 शिक्षकों में से मात्र 588 (.11%) ने ही ऑनलाइन हाजिरी लगाई है। इस बीच सरकार ने अहम फैसला लेते हुए प्रदेश के सभी सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए बायोमेट्रिक मशीन से हाजिरी अनिवार्य कर दी है।
बायोमेट्रिक उपस्थिति के आधार पर वेतन बिल पारित करने की कार्यवाही की जाए
शिक्षा निदेशक (माध्यमिक) डॉ. महेंद्र देव द्वारा 12 जुलाई को प्रदेश के सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को जारी आदेश में कहा गया है कि राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों/शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की उपस्थिति बायोमेट्रिक मशीन के माध्यम से अनिवार्य किए जाने के संबंध में तत्काल आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करते हुए संलग्न प्रारूप पर सूचना (सॉफ्ट एवं हार्ड कॉपी में) इस कार्यालय को ई-मेल के माध्यम से उपलब्ध कराएं। आदेश में आगे कहा गया है कि संस्था प्रधान शिक्षकों/शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की बायोमेट्रिक उपस्थिति उनके मासिक वेतन बिल के साथ अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करें तथा उसी आधार पर वेतन बिल पारित करने की कार्यवाही की जाए।
अधिकारियों से सहमत नहीं शिक्षक
बेसिक शिक्षा विभाग ने शुक्रवार को प्रदेश के सभी जिलों में अपने अधिकारियों को तैनात कर शिक्षकों को ऑनलाइन एप के प्रयोग के लिए तैयार करने को कहा था। लेकिन उन्हें अपेक्षित सफलता नहीं मिल सकी। शुक्रवार को यूपी के कुल 6,09,530 प्राथमिक शिक्षकों में से केवल 0.61 प्रतिशत शिक्षकों ने सुबह ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज कराई जबकि केवल 0.33 प्रतिशत शिक्षकों ने ही ऐप पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। यह डिजिटल ऐप लागू होने के पहले दिन से भी कम है। पहले दिन यानी 8 जुलाई को 2.6 प्रतिशत शिक्षकों ने ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज कराई थी।