नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद और उनके बेटों तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव को ‘जमीन के बदले नौकरी’ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत दे दी।
विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने आरोपियों को एक-एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत देते हुए कहा कि जांच के दौरान उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया था। आरोपी अदालत द्वारा पहले जारी किए गए समन के अनुपालन में उनके समक्ष पेश हुए।
न्यायाधीश ने आरोपियों के खिलाफ दायर पूरक आरोप पत्र का संज्ञान लेने के बाद समन जारी किया था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 6 अगस्त को अदालत के समक्ष अंतिम रिपोर्ट दाखिल की थी। ईडी ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर अपना मामला दायर किया था।
जांच एजेंसी के अनुसार, यह मामला लालू के 2004 से 2009 तक रेल मंत्री रहने के दौरान मध्य प्रदेश के जबलपुर में रेलवे के पश्चिम-मध्य जोन में ग्रुप-डी में हुई भर्तियों से जुड़ा है। आरोप है कि रेलवे में भर्ती हुए लोगों ने नौकरी के बदले लालू के परिवार के सदस्यों और सहयोगियों को जमीन उपहार में दी थी।