India China Drone Technology Dispute: चीन का एक और बड़ा कांड सामने आया है, जहां उसकी कंपनियों ने भारत की ड्रोन टेक्नोलॉजी को चोरी करने का आरोप लगाया गया है। एक भारतीय कंपनी ने दावा किया है कि चीनी कंपनियों ने भारत की ड्रोन टेक्नोलॉजी को कॉपी कर के भारत में ही ड्रोन सप्लाई कर दिए हैं। इस खुलासे से एक बार फिर चीन की कॉपी पायरेसी और टेक्नोलॉजी चोरी के आरोपों को लेकर उसकी विश्वभर में निंदा हो रही है।
चीन पर ड्रोन टेक्नोलॉजी चोरी का आरोप
भारत की चेन्नई स्थित ज़ुप्पा जियो नेविगेशन टेक्नोलॉजी कंपनी ने चीन की कंपनियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कंपनी का कहना है कि चीनी कंपनियों ने उसकी ऑटोपायलट तकनीक का कॉपीराइट उल्लंघन किया है। ज़ुप्पा जियो ने भारत सरकार से मांग की है कि उन चीनी कंपनियों पर बैन लगाया जाए जिन्होंने भारतीय टेक्नोलॉजी की चोरी कर उसे भारत में ही सप्लाई किया है।
जुप्पा जियो की शिकायत
ज़ुप्पा जियो ने इस मामले को लेकर विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) से शिकायत की है। कंपनी ने DGFT से यह अपील की है कि चीन की उन कंपनियों के आयात पर कड़ी कार्रवाई की जाए, जिन्होंने उसकी ऑटोपायलट ड्रोन टेक्नोलॉजी की चोरी की है। कंपनी ने DGFT को एक ज्ञापन में बताया कि उसे “सिस्टम ऑफ डिसेमिनेटेड पैरल कंट्रोल कंप्यूटिंग इन रियल टाइम” नामक रियल टाइम कंप्यूटिंग आर्किटेक्चर के लिए पेटेंट मिला था, जिसे चीनी कंपनियों ने चोरी किया है।
शिकायत में नाम का खुलासा
ज़ुप्पा जियो ने अपनी शिकायत में चीनी कंपनियों का नाम भी उजागर किया है। कंपनी ने बताया कि शांघाई स्थित जीआईवाईआई रोबोट और सीयूएवी नामक चीनी कंपनियां भारत में ऑटोपायलट ड्रोन निर्यात कर रही हैं, जो पूरी तरह से ज़ुप्पा जियो के बौद्धिक संपदा अधिकारों का उल्लंघन करती हैं।
ऑटोपायलट टेक्नोलॉजी क्या है?
ऑटोपायलट टेक्नोलॉजी ड्रोन के लिए एक बेहद महत्वपूर्ण तकनीक है, जो ड्रोन को खुद से उड़ान भरने और निर्देशित कार्यों को पूरा करने की क्षमता प्रदान करती है। इस टेक्नोलॉजी में खास सॉफ़्टवेयर और सेंसर का इस्तेमाल किया जाता है, जो ड्रोन को अपने ऑटोपायलट मोड में उड़ने की अनुमति देता है। इस मोड में ड्रोन की उड़ान की ऊंचाई, रास्ता और गति तय होती है, और इसे पायलट द्वारा पहले से निर्धारित किया जाता है।
निष्कर्ष
चीन पर आरोप है कि उसने भारत की उन्नत ड्रोन तकनीक को चोरी करके अपने उत्पादों में इस्तेमाल किया है और भारत में इन्हें निर्यात किया है। इस मामले को लेकर ज़ुप्पा जियो ने भारत सरकार से कड़ी कार्रवाई की मांग की है, ताकि बौद्धिक संपदा अधिकारों की रक्षा की जा सके और चीन की कंपनियों पर बैन लगाया जा सके।