नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शहीद-ए-आजम भगत सिंह को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर पोस्ट किया। लिखा, मातृभूमि के स्वाभिमान की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले अमर शहीद भगत सिंह को उनकी जयंती पर शत-शत नमन। भगत सिंह और उनके क्रांतिकारी साथियों ने साहस का परिचय दिया और साहसिक कार्य किए, जिनका देश की आजादी में बहुत बड़ा योगदान है।
मातृभूमि के स्वाभिमान की रक्षा के लिए अपना जीवन बलिदान करने वाले अमर शहीद भगत सिंह को उनकी जन्म-जयंती पर शत-शत नमन। pic.twitter.com/9s0mJ5guRG
— Narendra Modi (@narendramodi) September 28, 2024
वे जब तक जिए एक मिशन के तहत जिए। और उसके लिए उन्होंने अपने प्राणों की आहुति दे दी। वह मिशन था भारत को ब्रिटिश शासन से आजाद कराना। हम भले ही भगत सिंह न बन पाएं, लेकिन हमारे दिल में भगत सिंह जैसी देशभक्ति होनी चाहिए। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पोस्ट किया। पोस्ट में उन्होंने लिखा, भारत माता के वीर सपूत, महान स्वतंत्रता सेनानी अमर शहीद भगत सिंह के त्याग, संघर्ष और देशभक्ति ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की ज्वाला को और प्रखर कर दिया था।
शहीद-ए-आजम भगत सिंह की जयंती पर शत शत नमन
उनके दृढ़ संकल्प और वीरता ने विदेशी हुकूमत की जड़ें हिला दीं। आज उनकी जयंती पर मैं उन्हें कोटि-कोटि नमन करता हूं। देश को गुलामी की बेड़ियों से मुक्त कराने के लिए उन्होंने तत्कालीन भारतीय समाज में आत्मविश्वास और समर्पण के जो मानक स्थापित किए, वे युगों-युगों तक सभी देशवासियों को प्रेरित करते रहेंगे।
महान क्रांतिकारी शहीद-ए-आज़म भगत सिंह जी की जयंती पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि।
उनका साहस, त्याग एवं बलिदान हम सभी के लिए सदैव प्रेरणा का स्रोत रहेगा। pic.twitter.com/6s7Y5sBA6d
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 28, 2024
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पोस्ट में लिखा, क्रांतिवीर भगत सिंह ने न केवल ब्रिटिश हुकूमत को बुलंद आवाज से चुनौती दी, बल्कि देश की आजादी और स्वर्णिम पल के लिए अपने प्राणों की आहुति भी दे दी। एक ओर उन्होंने अपने ओजस्वी विचारों से युवाओं को भारत माता की आजादी के लिए प्रेरित किया, तो दूसरी ओर टुकड़ों में बंटे स्वतंत्रता संग्राम को संगठित किया। उनके बलिदान की चिंगारी एक ऐसी प्रचंड ज्वाला बन गई, जिससे पूरे देश में आजादी की लहर और प्रचंड हो गई।