नवरात्रि के दौरान प्याज और लहसुन से परहेज करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। आइए जानते हैं कि ऐसा क्यों किया जाता है और इससे शरीर को क्या-क्या फायदे हो सकते हैं:
प्याज और लहसुन: तामसिक गुण
- आयुर्वेद के अनुसार: प्याज और लहसुन को तामसिक गुण वाला भोजन माना जाता है। तामसिक गुण का अर्थ है जो भोजन शरीर में अशुद्धता पैदा करता है, मन को अशांत करता है और आलस्य को बढ़ावा देता है।
- नवरात्रि का उद्देश्य: नवरात्रि में सात्विक गुण वाले भोजन का सेवन किया जाता है, जो शरीर और मन को शुद्ध करता है। इसलिए, तामसिक गुण वाले प्याज और लहसुन से परहेज किया जाता है।
प्याज-लहसुन से परहेज करने के फायदे
- पाचन तंत्र को लाभ: प्याज और लहसुन का सेवन करने से अक्सर पेट में गैस, एसिडिटी और जलन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। नवरात्रि में इनसे परहेज करने से पाचन तंत्र को आराम मिलता है और पाचन क्रिया बेहतर होती है।
- शरीर में ऊर्जा का संतुलन: प्याज और लहसुन का सेवन करने से शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ जाता है, लेकिन यह ऊर्जा अस्थिर होती है। इनसे परहेज करने से शरीर में हल्की और शुद्ध ऊर्जा का संचार होता है।
- मानसिक शांति: प्याज और लहसुन मन को अशांत करते हैं और उत्तेजना को बढ़ावा देते हैं। इनसे परहेज करने से मन शांत और स्थिर रहता है, जिससे ध्यान और पूजा में एकाग्रता बढ़ती है।
- शरीर को डिटॉक्स: नवरात्रि में सात्विक भोजन का सेवन करने से शरीर में विषैले पदार्थ बाहर निकल जाते हैं और शरीर शुद्ध होता है।
- त्वचा और बालों के लिए लाभ: सात्विक भोजन से त्वचा और बाल स्वस्थ रहते हैं।
अन्य फायदे
- रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है: सात्विक भोजन से रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है।
- वजन नियंत्रण: सात्विक भोजन में फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो वजन को नियंत्रित करने में मदद करता है।
- नींद अच्छी आती है: सात्विक भोजन से नींद अच्छी आती है और तनाव कम होता है।
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