औरैया न्यूज: डीएम और एक्सईएन के बीच विवाद बढ़ गया है। मामले में एक्सईएन को सस्पेंड कर दिया गया है। डीएम नेहा प्रकाश ने शासन को पत्र लिखकर एक्सईएन के निलंबन की संस्तुति की थी। निलंबन के बाद मामला और पेचीदा हो गया है। पूरे मामले में उत्तर प्रदेश इंजीनियर्स एसोसिएशन ने भी अपनी एकजुटता दिखाई है। एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर पूरे मामले की जानकारी दी है। उन्होंने डीएम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं।
एक्सईएन सस्पेंड
बता दें कि एक्सईएन ने पीडब्ल्यूडी प्रशासन से शिकायत की थी कि डीएम उन पर अपने सरकारी आवास पर अनाधिकृत रूप से स्विमिंग पूल बनवाने का दबाव बना रही हैं। उनकी बात न मानने पर निलंबन की संस्तुति की गई है। डीएम के पत्र के बाद एक्सईएन को सस्पेंड कर दिया गया है। इस मामले में उत्तर प्रदेश इंजीनियर्स एसोसिएशन ने रोष जताया है। एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर पूरे मामले की विस्तार से जानकारी दी है। साथ ही जिलाधिकारी नेहा प्रकाश की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए उन पर इंजीनियरों को परेशान करने का आरोप लगाया है।
डीएम ने लगाया था लापरवाही का आरोप
औरैया में राजस्व कर्मियों के आवासीय भवनों के निर्माण में अनियमितताओं के अलावा डीएम ने उन पर चुनावी बैठकों में एक्सईएन के न आने और पोलिंग पार्टी की रवानगी के दिन नवीन मंडी में अस्थायी मंच गिरने समेत कई मामलों में लापरवाही का आरोप लगाया था। एक्सईएन पर पहले भी आरोप लग चुके हैं। पिछले साल भी सरकारी भवनों के निर्माण में लापरवाही बरतने पर एक्सईएन के निलंबन की संस्तुति की गई थी। उस समय शासन ने कोई कार्रवाई नहीं की थी। हालांकि इस बार शासन ने उचित जांच कर एक्सईएन को निलंबित कर दिया है।
डीएम पर इंजीनियरों को परेशान करने का आरोप
एसोसिएशन के उपाध्यक्ष सीके मंगलम ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने लिखा है कि प्रदेश के विकास में इंजीनियरों की अहम भूमिका है। वे पूरी निष्ठा से काम कर रहे हैं। साथ ही आरोप लगाया है कि जिलाधिकारी नेहा प्रकाश उनकी अनैतिक मांगें पूरी न होने पर इंजीनियरों को परेशान कर रही हैं। एसोसिएशन ने यह भी बताया है कि जिलाधिकारी आवास का काम सितंबर 2023 में पूरा हो चुका है। इसमें जिलाधिकारी निवास करते हैं। यह भी कहा है कि अब वह अनुबंधित कार्यों के अलावा आवास में स्विमिंग पूल, कवर्ड पार्किंग और अतिरिक्त सड़क का काम कराने के मौखिक आदेश दे रही हैं।
निष्पक्ष जांच की मांग
अधिशासी अभियंता अभिषेक यादव ने कहा कि डीएम द्वारा दिए गए आदेश लिखित अनुबंध में शामिल नहीं हैं। इसे कराने के लिए सरकारी कोष से अतिरिक्त धन की जरूरत पड़ेगी। इस बात पर डीएम नाराज हो गए और निलंबन की संस्तुति कर दी। इसको लेकर एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि अधिशासी अभियंता को न्याय दिया जाए और जिलाधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाए। साथ ही पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए।