ISRO की एक और सफलता: Agnibaan SoRTed-01 को सफलतापूर्वक लॉन्च, ISRO ने स्टार्टअप कंपनी अग्निकुल कॉसमॉस को दी बधाई

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Agnibaan SoRTed-01: अंतरिक्ष स्टार्टअप अग्निकुल कॉसमॉस ने सफलतापूर्वक 30 मई को अपने रॉकेट अग्निबाण सॉर्टेड-01 मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च किया है। इस लॉन्च की जानकारी देते हुए इसरो ने कहा कि स्पेस सेक्टर में यह सफलता मील का पत्थर है। ISRO ने इस सफलता के लिए स्टार्टअप कंपनी अग्निकुल कॉसमॉस को बधाई भी दी।

Agnibaan SoRTed-01: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने गुरुवार को घोषणा की कि अग्निकुल कॉसमॉस ने अपने लॉन्च पैड से अग्निबाण (सबऑर्बिटल टेक डेमोस्ट्रेटर) SoRTed-01 मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च किया है। लॉन्च को एक बड़ी उपलब्धि बताते हुए, इसरो ने इस उपलब्धि के लिए अग्निकुल कॉसमॉस को बधाई भी दी। इसरो ने X पर पोस्ट किया कि बधाई हो, अग्निकुल कॉसमॉस अग्निबाण SoRTed-01 मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च करने के लिए। बता दें, SoRTed-01 मिशन एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग के माध्यम से प्राप्त सेमी-क्रायोजेनिक लिक्विड इंजन की पहली नियंत्रित उड़ान है। यह इंजन परीक्षण अग्निकुल के अपने डेटा अधिग्रहण सिस्टम और फ्लाइट कंप्यूटर द्वारा संचालित है, जिन्हें 100 प्रतिशत इन-हाउस डिज़ाइन किया गया था। इसके अलावा, यह परीक्षण वाहन के पूरे प्रणोदन प्रणाली को नियंत्रित करने के लिए SOrTeD वाहन की पूरी एवियोनिक्स श्रृंखला की क्षमता को भी साबित करता है।

खास है अग्निबाण

300 किलोग्राम तक के भार को 700 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थित कक्षाओं में ले जाने में सक्षम अग्निबाण निम्न और उच्च झुकाव वाली दोनों कक्षाओं तक पहुंच सकता है और इसे 10 से अधिक लॉन्च पोर्ट तक पहुंचने के लिए डिज़ाइन किया गया है। अपने सभी चरणों में LOX/केरोसीन इंजन द्वारा संचालित अग्निबाण को ग्राहक द्वारा कॉन्फ़िगर किया जा सकता है। मिशन, उपग्रह और लॉन्च पोर्ट ही तय करेंगे कि पहले चरण में कितने इंजन लगेंगे।

केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने भी दी बधाई

केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने भी अग्निकुल कॉसमॉस को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (SDSC SHAR), श्रीहरिकोटा के भीतर अग्निकुल के अपने और भारत के एकमात्र निजी लॉन्चपैड से अपना पहला लॉन्च सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए बधाई दी। केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि अग्निकुल ने SDSC-SHAR के भीतर अग्निकुल के अपने और भारत के एकमात्र निजी लॉन्चपैड से अपना पहला प्रक्षेपण सफलतापूर्वक पूरा किया। सिंगल पीस 3D प्रिंटेड रॉकेट इंजन वाली दुनिया की पहली उड़ान होने के अलावा, यह नियंत्रित उड़ान सेमी क्रायोजेनिक इंजन वाली भारत की पहली उड़ान भी है। वाहन को पूरी तरह से भारत में ही डिजाइन किया गया था और IIT मद्रास के भीतर अग्निकुल की सुविधाओं में असेंबल किया गया था।

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