देश का सबसे बड़ा साइबर कमांड एंड कंट्रोल सेंटर महाराष्ट्र के नवी मुंबई में बन रहा है जो साइबर अपराध के खिलाफ सबसे आधुनिक टीम होगी और जहां दुनिया के आधुनिक सॉफ्टवेयर और हाई टेक सुविधाओं से लैस है.
डिजिटल दुनिया में लगातार बढ़ते साइबर क्राइम्स आने वाले भविष्य के लिए सबसे बड़ी चुनौती है. साइबर अपराधी हर रोज नई नई तकनीक और तरीके से साइबर अपराधों को अंजाम दे रहे हैं और इसी साइबर अपराधों से निपटने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने महाराष्ट्र साइबर प्रोजेक्ट की शुरुआत की है. लगभग 800 करोड़ की लागत वाला ये प्रोजेक्ट ना सिर्फ महाराष्ट्र बल्कि देश के खिलाफ होने वाले साइबर अपराधों और दुश्मन देशों द्वारा होने वाले साइबर अटैक की रोकथाम के लिए सक्षम है.
चीन और पाकिस्तान को अब हर साइबर हमला करने पर मुंह तोड़ जवाब मिलने वाला है. देश दुनिया के साइबर चोरों की अब खैर नहीं क्यूंकि महाराष्ट्र सरकार ने साइबर अपराधों के खिलाफ सबसे बड़ी जंग छेड़ दी है. देश भर में बढ़ते साइबर अपराधों को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही में महाराष्ट्र साइबर प्रोजेक्ट के तहत एक ऐसे साइबर सेंटर की शुरुआत की है जहां न सिर्फ महाराष्ट्र के लोगों को आए दिन होने वाले साइबर फ्रॉड और साइबर अपराधों से लड़ने की ताकत मिलेगी बल्कि देश के खिलाफ साजिश के तहत होने वाले साइबर अटैक्स का भी मुंह तोड़ जवाब दिया जाएगा. मुंबई के पास नवी मुंबई में बना महाराष्ट्र साइबर क्राइम कमांड एंड कंट्रोल सेंटर देश का पहला ऐसा साइबर सेंटर है जहां दुनिया भर के टॉप साइबर योद्धा बेहद HI-Tech Cyber Security Software’s और Tools के साथ किसी भी तरह के साइबर वॉर से लड़ने में सक्षम हैं.
साइबर अटैक से हो गई थी मुंबई की बिजली गुल
महाराष्ट्र साइबर डिपार्टमेंट में स्पेशल आईजी यशस्वी यादव ने बताया, ‘अमेरिका और चीन के बाद भारत दुनिया का तीसरा वो देश है जो तेजी से डिजिटलाइजेशन की तरफ आगे बढ़ रहा है. डिजिटल भारत के सामने सबसे बड़ी चुनौती है साइबर अपराधों से रोकथाम की. 12 अक्टूबर 2020 का दिन आपको याद होगा जब देश की आर्थिक राजधानी मुंबई और उसके आस पास के इलाकों में कई घंटों के लिए बिजली गुल हो गई थी. कई एजेंसियों ने ये दावा किया था कि मुंबई में बिजली गुल होना एक साइबर अटैक था और इसे चीनी हैकर्स द्वारा अंजाम दिया गया था. इस अटैक के कारण कई घंटों तक आर्थिक राजधानी का कामकाज ठप हो गया था. शेयर मार्केट से लेकर रिज़र्व बैंक और तमाम कारोबार पर इसका असर हुआ था. भविष्य में इस तरह के साइबर अटैक ना हो इसके लिए महाराष्ट्र सरकार का ये आधुनिक साइबर सेंटर पूरी तरह से सक्षम है.
हेल्पलाइन पर आप किसी भी तरह के साइबर फ्रॉड की कर सकते हैं शिकायत
महाराष्ट्र सरकार ने इस साइबर सुरक्षा और डिजिटल जोखिम विश्लेषण केंद्र को लगभग 10 करोड़ डॉलर यानी करीब करोड़ रुपये की लागत से स्थापित किया है. इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य एक कम्पलीट साइबर सिक्योरिटी सिस्टम को डिजाइन करना है. महाराष्ट्र सरकार ने साइबर अपराधों की शिकायत के लिए 14407 हेल्पलाइन नंबर जारी किया था. इस हेल्पलाइन पर आप किसी भी तरह के साइबर फ्रॉड की शिकायत कर सकते हैं. इस साइबर सेंटर में कमांड एंड कंट्रोल सेंटर है जहां हर रोज 1000 से ज्यादा साइबर फ्रॉड की शिकायत दर्ज होती है और 24 घंटों के अंदर शिकायतकर्ता को अंतरिम रिस्पांस भी दिया जाता है. इसके अलावा यहां स्थित TAI डिपार्टमेंट यानी Technology Assisted Investigation दुनिया भर के Top साइबर सॉफ्टवेयर से लैस हैं जो देश के खिलाफ होने वाले साइबर अटैक पर नजर रखने और उनके रोकथाम पर काम करते हैं. इस सेंटर में मुंबई पुलिस के Highly Trained Cyber Experts के अलावा L&T Technology Services और KPMG Assurance and Consulting Services के एक्सपर्ट्स भी टेक्नोलॉजी और फॉरेंसिक्स पार्टनर के तौर पर शामिल किए गए हैं. ये साइबर सेंटर एआई और डिजिटल फोरेंसिक टूल जैसे कई High Tech सॉफ्टवेयर की मदद से साइबर अपराध की घटनाओं और जांच के लिए पूरी तरह इक्विप्ड है.