समाजवादी पार्टी के मुखिया और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अब देश के साथ-साथ प्रदेश की राजनीति में भी काफी अहम हो गए हैं। उनका जन्म आज ही के दिन 1973 में इटावा के सैफई में हुआ था। अपने पिता और समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव से राजनीति का ककहरा सीखने के बाद उन्होंने अपने पिता की राजनीतिक विरासत को पूरी मजबूती के साथ संभाला है।
राजनीति के मैदान में उतरने के बाद वह लगातार सफलता की सीढ़ियां चढ़ते जा रहे हैं। कन्नौज संसदीय सीट से मैदान में उतरने के बाद वह महज 27 साल की उम्र में सांसद बन गए और इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। 2012 में वह देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने और उन्होंने पांच साल तक इस राज्य की कमान संभाली। हालांकि 2017 और 2022 के विधानसभा चुनाव में उन्हें उत्तर प्रदेश में हार का सामना करना पड़ा, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने पीडीए समीकरण के जरिए एक बार फिर अपनी ताकत दिखाई है।
इस बार वह राज्य में सबसे ज्यादा 37 सीटें जीतने में कामयाब रहे हैं जबकि उनकी सहयोगी कांग्रेस ने भी छह सीटें जीती हैं। भाजपा महज 33 सीटों पर सिमट गई है। देश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी और विपक्ष में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के मुखिया होने के नाते देश की राजनीति में उनकी भूमिका अब काफी अहम हो गई है।
भारत में हुई शुरुआती पढ़ाई, फिर ऑस्ट्रेलिया गए
सपा प्रमुख अखिलेश यादव का जन्म 1 जुलाई 1973 को इटावा जिले के सैफई कस्बे में मुलायम सिंह यादव और मालती देवी के घर हुआ था। अपने जन्म से पहले ही मुलायम सिंह यादव ने उत्तर प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में अपनी पहचान बना ली थी। अखिलेश यादव ने अपनी शुरुआती पढ़ाई इटावा के सेंट मैरी स्कूल से पूरी की और फिर उन्होंने राजस्थान के धौलपुर के मिलिट्री स्कूल से आगे की पढ़ाई की। अखिलेश यादव ने मैसूर विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है।
इसके बाद वह आगे की पढ़ाई करने के लिए ऑस्ट्रेलिया चले गए। उन्होंने सिडनी विश्वविद्यालय से पर्यावरण इंजीनियरिंग में मास्टर्स किया। अखिलेश के पिता और उत्तर प्रदेश के दिग्गज नेता मुलायम सिंह यादव अपने बेटे को राजनीति के क्षेत्र में मजबूती से स्थापित करना चाहते थे। अपने पिता की इच्छा के अनुसार अखिलेश यादव ने पढ़ाई पूरी करने के बाद राजनीति का ककहरा सीखना शुरू कर दिया।