केंद्र सरकार ने स्पैम कॉल और मैसेज को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन इन प्रयासों का असर अब तक सीमित ही रहा है। टेलिकॉम ऑपरेटर जैसे जियो, एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया और बीएसएनएल स्पैम कॉल और मैसेज को रोकने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन ओटीटी ऐप्स (जैसे WhatsApp, Telegram, और Signal) पर कोई रेगुलेशन न होने के कारण इन प्रयासों को नुकसान हो सकता है। यह प्लेटफॉर्म स्पैमर के लिए एक नया जरिया बन सकते हैं, जिससे स्पैम बढ़ने का खतरा है।
OTT को रेगुलेट करने की आवश्यकता
ईटी की रिपोर्ट के अनुसार, टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) के चेयरमैन अनिल कुमार और एयरटेल के सुनील कुमार मित्तल ने इस पर चिंता व्यक्त की है। उनका कहना है कि अगर ओटीटी प्लेटफॉर्म को रेगुलेट नहीं किया गया, तो गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। टेलिकॉम प्लेटफॉर्म पर काम करने वाले मेनलाइन मार्केटिंग और बिजनेस कम्युनिकेशन प्लेयर ओटीटी पर शिफ्ट हो सकते हैं, जिससे समस्याएं बढ़ सकती हैं।
DLT पर शिफ्ट करने की मांग
एयरटेल ने इस मामले में त्वरित कदम उठाने की बात करते हुए, ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को ब्लॉकचेन-बेस्ड डिस्ट्रीब्यूटर टेक्नोलॉजी (DLT) पर शिफ्ट करने की मांग की है। इस कदम से टेलिकॉम जैसी KYC प्रक्रिया को लागू किया जा सकेगा। साथ ही, एयरटेल ने TRAI से ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के ब्लैकलिस्टेड डेटाबेस को साझा करना अनिवार्य करने का भी सुझाव दिया है।
सेंट्रलाइज्ड सिस्टम की आवश्यकता
एयरटेल का मानना है कि टेलिकॉम और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को मिलकर काम करना होगा, तभी स्पैमर को प्रभावी तरीके से रोका जा सकेगा। इसके अलावा, एक सेंट्रलाइज्ड सिस्टम बनाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया है, जो प्रमोशनल कॉल और मैसेज को रोकने में मदद करेगा। हाल ही में, एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया ने एआई-बेस्ड स्पैम डिटेक्शन सॉल्यूशंस लॉन्च किए हैं, और जियो भी इसी तरह का समाधान पेश करने वाला है।
WhatsApp और Telegram को मिलेगा फायदा
सख्त नियमों के कारण टेलिकॉम ऑपरेटरों की कमाई में कमी आ सकती है, जबकि ओटीटी प्लेटफॉर्म्स जैसे WhatsApp, Telegram और Signal को इस स्थिति का फायदा हो सकता है। इन प्लेटफॉर्म्स पर रेगुलेशन की कमी के कारण उन्हें प्रमोशनल और कमर्शियल मैसेज भेजने की छूट मिल सकती है, जिससे उन्हें बड़ा फायदा हो सकता है।