पटना। पटना के गांधी मैदान में नरेंद्र मोदी की रैली में बम धमाका करने वाले चारों आरोपियों की सजा को पटना हाईकोर्ट ने उम्रकैद में बदल दिया है। निचली अदालत ने चारों आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई थी। निचली अदालत ने हैदर अली, मुजीबुल्लाह, नोमान और इम्तियाज को फांसी की सजा सुनाई थी, लेकिन हाईकोर्ट ने उनकी फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया।
वहीं, उमर और अजहरुद्दीन को उम्रकैद की सजा देने के निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा। आरोपियों ने निचली अदालत के फैसले को पटना हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले नरेंद्र मोदी पटना में हुंकार रैली को संबोधित करने आए थे, जिसमें उनके संबोधन के दौरान और उससे पहले बम धमाके हुए थे।
एक के बाद एक कई धमाके हुए
गांधी मैदान में बम धमाके की यह घटना 27 अक्टूबर 2013 को हुई थी। उस समय सभी पार्टियां 2014 के लोकसभा चुनाव के प्रचार में व्यस्त थीं। इस दौरान नरेंद्र मोदी पटना पहुंचे थे। गांधी मैदान में भाजपा ने हुंकार रैली का आयोजन किया था। वे रैली को संबोधित कर रहे थे। उसी समय पटना जंक्शन के प्लेटफॉर्म नंबर 10 पर स्थित सुलभ शौचालय के पास पहला बम धमाका हुआ। इसके बाद गांधी मैदान और उसके आसपास छह जगहों पर सिलसिलेवार बम धमाके हुए।
छह लोगों की मौत हुई थी
धमाकों में छह लोगों की मौत हुई थी और 89 लोग घायल हुए थे। इस घटना के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तत्कालीन गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे से एनआईए जांच की मांग की थी। एनआईए ने इस मामले में सभी आरोपियों के खिलाफ 2014 में चार्जशीट दाखिल की थी। मामले में 187 लोगों की कोर्ट में गवाही कराई गई थी।