मुजफ्फरपुर। बिहार के मुजफ्फरपुर में मुशहरी और कुढ़नी प्रखंड के आधा दर्जन गांवों के लोग पिछले सात दिनों से सियारों के आतंक से दहशत में हैं। सोमवार की देर शाम करीब 7:30 बजे कुढ़नी के चैनपुर वाजिद पंचायत के आयशा कॉलोनी में तीन सियारों ने छह साल के बच्चे मिट्ठू पर हमला कर दिया।
हालांकि, लोगों के जुटने और शोर मचाने पर उसे बचा लिया गया। इससे पहले शाम करीब 7:15 बजे हसनचक बंगरा और मोहम्मदपुर मुबारक गांव में भी तीन सियार देखे गए। हालांकि, वन विभाग इससे अनजान बना हुआ है।
हसनचक बंगरा में दो सियार दिखे
ग्रामीणों का कहना है कि मोहम्मदपुर मुबारक में रविवार की देर रात और हसनचक बंगरा में सोमवार की सुबह और रात में दो सियार देखे गए। सियारों को देखने के बाद ग्रामीण घर के बाहर लाठी-डंडे लेकर पहरा देने लगे। इधर, जागरूकता अभियान के बाद गांव के बड़े बच्चे समूह में स्कूल जाने लगे हैं, जबकि लड़कियां और छोटे बच्चे अभी भी स्कूल जाने से परहेज कर रहे हैं। वन विभाग की टीम ने इलाके में सर्च अभियान चलाया, लेकिन सियार नहीं मिला। टीम गांवों में मुनादी कराकर लोगों से सतर्क रहने की अपील कर रही है।
दिन-रात की जा रही है गश्ती
स्थानीय मीडिया से बातचीत में पशु चिकित्सक डॉ. राजीव रंजन ने बताया कि इलाके में दिन और रात में अलग-अलग गश्ती की जा रही है। शेरपुर पंचायत के सरपंच नंदन झा ने बताया कि हसनचक बंगरा में 40 सोलर लाइट लगाई गई है।
इसके अलावा बोचहां विधायक अमर पासवान की ओर से बल्ब लगाने के लिए पांच हजार रुपये दिए गए हैं। शेरपुर और माधोपुर सुस्ता के लोगों ने स्कूल और गांव में जागरूकता अभियान चलाया। सरपंच ने बताया कि वार्ड सदस्य मो. वसीम अख्तर शौकी, सोनू कुमार, विवेकानंद रजक ने घर-घर जाकर जागते रहो-जागते रहो कार्यक्रम चलाया।