बिहार: बिहार में बाढ़ और सूखे की समस्या को देखते हुए सरकार जल प्रबंधन और सिंचाई के लिए नई योजना लेकर आई है। बिहार की नदियों पर बने बांधों को छोटे-छोटे बैराज में तब्दील करने की योजना है। हालांकि, इनमें से कुछ ही बांधों को बैराज में बदला जाएगा। कुछ जगहों पर बांधों के आसपास नए बैराज बनाने की भी योजना है। पूरे राज्य में नदियों पर बने बांधों का सर्वे कराया जा रहा है।
जल संसाधन विभाग में तैयारियां शुरू
दरअसल, बांधों की क्षमता कम होने के कारण उनकी उपयोगिता सीमित हो गई है, जबकि जरूरत लगातार बढ़ रही है। तकनीकी रूप से भी कई बांधों का अपग्रेडेशन जरूरी हो गया है। इस कारण बांधों को बैराज में तब्दील करने की योजना बनाई गई है। अब विभाग की ओर से उनकी जरूरतों का भी आकलन किया जा रहा है। जल संसाधन विभाग ने इस परियोजना को धरातल पर उतारने की तैयारी शुरू कर दी है। इस योजना पर जल्द ही काम शुरू हो जाएगा।
कमला वीयर को बराज में बदलने की योजना को मंजूरी
हाल ही में बिहार सरकार ने कमला वीयर को बराज में बदलने की योजना को मंजूरी दी थी। इस वीयर के 100 मीटर नीचे 550 मीटर लंबे बराज की योजना को मंजूरी दी गई है। इसी तरह नाटा वीयर को बराज में बदलने की योजना को भी मंजूरी दी गई है।
नए बराज बनने से किसानों को सिंचाई के लिए न सिर्फ अधिक पानी मिलेगा, बल्कि एक बड़े इलाके को बाढ़ की समस्या से भी निजात मिलेगी। मौजूदा वीयर से इस समस्या का समाधान करने में दिक्कत आ रही है। किसानों को सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता कम होती जा रही है। इतना ही नहीं बाढ़ की समस्या पर भी प्रभावी नियंत्रण नहीं हो पा रहा है।
नदियों पर बना वीयर क्या होता है
वीयर एक छोटा बांध होता है, जो नदी के ऊपर जलस्तर को नियंत्रित करने के लिए बनाया जाता है। इसका इस्तेमाल नालों, नदियों और अन्य जल निकायों में पानी के बहाव को नियंत्रित करने के लिए किया जाता रहा है। वीयर बनाने का लक्ष्य जलस्तर पर कुछ हद तक नियंत्रण पाना होता है। इसके पास संरचना बनाकर पानी निकाला जाता है और सिंचाई के लिए भी इसका उपयोग किया जाता है।