RSS का बड़ा बयान, कहा- जाति जनगणना समाज की एकता और अखंडता के लिए खतरा

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नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने जाति जनगणना और महिला सुरक्षा जैसे संवेदनशील मुद्दों पर अहम बयान दिया है। संगठन ने समाज की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए जाति जनगणना को लेकर अपनी चिंता जताई है, वहीं महिला सुरक्षा के लिए नए कदम उठाने की बात कही है। RSS की हाल ही में हुई बैठक में इन विषयों पर गहन चर्चा की गई, जिसमें समाज के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई और भविष्य के लिए कई अहम फैसले लिए गए।

क्या कहा RSS ने?

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने जाति जनगणना को लेकर बड़ा बयान दिया है। RSS ने इसे संवेदनशील मुद्दा बताते हुए कहा कि जाति जनगणना समाज की एकता और अखंडता के लिए खतरा बन सकती है। पंच परिवर्तन के तहत इस पर चर्चा की गई है और संगठन ने तय किया है कि जन स्तर पर समरसता को बढ़ावा देने के लिए काम किया जाएगा।

जाति जनगणना संवेदनशील विषय: RSS

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने कहा कि पंच परिवर्तन में इस पर चर्चा की गई है। हम जन स्तर पर समरसता पर काम करेंगे। जातिगत प्रतिक्रियाएं हमारे समाज में एक संवेदनशील मुद्दा है और यह राष्ट्रीय एकीकरण के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन जाति जनगणना का उपयोग चुनाव प्रचार और चुनावी उद्देश्यों के लिए नहीं किया जाना चाहिए। लेकिन कल्याणकारी उद्देश्यों और विशेष रूप से दलित समुदाय की संख्या जानने के लिए सरकार को उनकी संख्या गिनने का अधिकार है।

आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा कि जातिगत प्रतिक्रियाएं हमारे समाज में एक संवेदनशील मुद्दा है और यह राष्ट्रीय एकीकरण के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जातिगत जनगणना का उपयोग चुनाव प्रचार और चुनावी उद्देश्यों के लिए नहीं किया जाना चाहिए। हालांकि, कल्याणकारी उद्देश्यों और विशेष रूप से दलित समुदाय की संख्या जानने के लिए सरकार को उनकी संख्या गिनने का अधिकार है।

कोलकाता की घटना पर भी चर्चा हुई

बैठक में पश्चिम बंगाल की हाल की दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर भी विस्तार से चर्चा हुई। आरएसएस ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए महिला कानूनों में संशोधन की आवश्यकता पर बल दिया और इसे चिंताजनक मुद्दा बताया। महिला सुरक्षा को लेकर पांच मोर्चों पर चर्चा की गई जिसमें कानूनी, जागरूकता, संस्कार, शिक्षा और आत्मरक्षा शामिल हैं। इन मोर्चों पर महिला सुरक्षा अभियान चलाने का निर्णय लिया गया है।

संगठन के 100 वर्ष पूरे होने पर परिवर्तन के तहत सामाजिक परिवर्तन की योजना बनाई

इसके अलावा आरएसएस ने बताया कि पिछले वर्ष उन्होंने हर राज्य और जिले में 472 महिला सम्मेलन आयोजित किए, जिसमें महिलाओं के मुद्दों, पश्चिमी नारीवाद और भारतीय सोच पर चर्चा की गई। आरएसएस की बैठक में बंगाल, वायनाड और तमिलनाडु में हुई घटनाओं पर भी गंभीरता से चर्चा की गई। बांग्लादेश में हिंदुओं और अल्पसंख्यकों के मुद्दे पर भी चिंता जताई गई और सरकार से इस पर कार्रवाई करने का आग्रह किया गया। बैठक में आरएसएस ने अहिल्याबाई की 300वीं जयंती मनाने का फैसला किया और संगठन के 100 वर्ष पूरे होने के अवसर पर पंच परिवर्तन के तहत सामाजिक परिवर्तन के लिए काम करने की योजना बनाई।

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