राष्ट्रीय न्यायपालिका सम्मेलन 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार 31 अगस्त को दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय न्यायपालिका सम्मेलन 2024 के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। इस अवसर पर पीएम मोदी ने जिला जजों को संबोधित किया। प्रधानमंत्री मोदी ने न्यायपालिका और सुप्रीम कोर्ट में जनता के अटूट विश्वास पर जोर दिया। इसके साथ ही पीएम मोदी ने महिला सुरक्षा पर भी बात की।
महिलाओं को जल्द न्याय मिले
पीएम मोदी ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध में त्वरित न्याय होना चाहिए। ऐसे मामलों में जल्द न्याय मिलने से महिलाओं में सुरक्षा को लेकर विश्वास बढ़ेगा। मोदी ने यह बात ऐसे समय कही जब कोलकाता में डॉक्टर रेप और हत्या मामले को लेकर देश में आक्रोश है। साथ ही ठाणे में दो किंडरगार्टन लड़कियों के यौन शोषण के मामले ने लोगों को झकझोर कर रख दिया है।
महिलाओं की सुरक्षा और त्वरित न्याय की आवश्यकता
प्रधानमंत्री ने कहा, “आज समाज में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार और बच्चों की सुरक्षा गंभीर चिंता का विषय है। महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के मामलों में जितनी तेजी से न्याय मिलेगा, आधी आबादी को अपनी सुरक्षा पर उतना ही भरोसा होगा।” पीएम मोदी ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई सख्त कानून मौजूद हैं, लेकिन न्यायपालिका के बीच बेहतर समन्वय की जरूरत है। अगर ऐसा होता है तो महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में न्याय जल्दी मिल सकेगा। पीएम मोदी ने न्यायपालिका की तारीफ की। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत की जनता भारतीय न्यायपालिका पर कभी अविश्वास नहीं कर सकती। पीएम मोदी ने जनता के इस भरोसे को कायम रखा है।
‘सुप्रीम कोर्ट ने हमेशा देश की अखंडता की रक्षा की है’
प्रधानमंत्री मोदी ने सुप्रीम कोर्ट की तारीफ की। पीएम मोदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने हमेशा देश के हित को सर्वोपरि रखा है। पीएम मोदी ने कहा कि आपातकाल एक कठिन दौर था, उस समय सुप्रीम कोर्ट ने देश के लोगों को मौलिक अधिकारों की गारंटी दी। उन्होंने कहा कि जब-जब राष्ट्रीय एकता पर सवाल उठे, सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय अखंडता की रक्षा की।
न्यायिक ढांचे में सुधार के लिए कदम उठाए गए हैं
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले दस वर्षों में न्याय मिलने में होने वाली देरी को खत्म करने के लिए कई सुधार किए गए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में न्यायपालिका के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए लगभग 8 हजार करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। पिछले 25 वर्षों में न्यायिक ढांचे पर खर्च की गई कुल राशि का 75 प्रतिशत केवल पिछले 10 वर्षों में खर्च किया गया है।
भारत के निर्माण में न्यायपालिका की महत्वपूर्ण भूमिका
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की आजादी के अमृत काल के संदर्भ में कहा कि 140 करोड़ देशवासियों का एक ही सपना है- विकसित भारत, नया भारत। उन्होंने कहा कि नया भारत सोच और संकल्प में आधुनिक भारत है। हमारी न्यायपालिका इस विजन का एक मजबूत स्तंभ है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के 75 वर्ष सिर्फ एक संस्था की यात्रा नहीं है। यह भारत के संविधान और उसके संवैधानिक मूल्यों की यात्रा है। यह लोकतंत्र के रूप में भारत के और अधिक परिपक्व होने की यात्रा है।
महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा पर जोर
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज महिलाओं के खिलाफ अत्याचार और बच्चों की सुरक्षा समाज की गंभीर चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई सख्त कानून बनाए गए हैं, लेकिन उन्हें और अधिक सक्रिय बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अत्याचार से जुड़े मामलों में जितनी तेजी से फैसले लिए जाएंगे, समाज में सुरक्षा को लेकर उतना ही भरोसा बढ़ेगा।