वाशिंगटन: पूर्व अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल रिटायर्ड एचआर मैकमास्टर ने पाकिस्तान पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई आतंकी समूहों से मिलीभगत कर रही है। मैकमास्टर ने आरोप लगाया कि इसमें कोई शक नहीं है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) आतंकी समूहों से मिलीभगत कर रही है।
ट्रंप के मना करने के बाद भी रक्षा मंत्री ने सैन्य सहायता देना जारी रखा
मैकमास्टर ने खुलासा किया कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन के दौरान उनके कार्यकाल के दौरान व्हाइट हाउस को इस्लामाबाद को सुरक्षा सहायता देने को लेकर विदेश विभाग और पेंटागन के विरोध का सामना करना पड़ा था। मैकमास्टर ने कहा कि ट्रंप ने पाकिस्तान को तब तक सभी तरह की सहायता बंद करने का आदेश दिया था, जब तक वह आतंकियों को सुरक्षित पनाहगाह देना बंद नहीं कर देता। लेकिन, इसके बावजूद तत्कालीन रक्षा मंत्री जिम मैटिस इस्लामाबाद को सैन्य सहायता पैकेज देने की योजना बना रहे थे, जिसमें 150 मिलियन डॉलर से अधिक मूल्य के बख्तरबंद वाहन शामिल थे।
पूर्व एनएसए का इससे भी बड़ा दावा
मैकमास्टर ने ये टिप्पणियां अपनी किताब ‘ए वॉर विद अवरसेल्व्स: माई टूर ऑफ ड्यूटी इन द ट्रंप व्हाइट हाउस’ में की हैं। उन्होंने बताया कि हालांकि, उनके हस्तक्षेप के बाद यह सहायता रोक दी गई। मैकमास्टर ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप ने कई मौकों पर साफ कहा था कि जब तक पाकिस्तान अफगानिस्तान में अफगान, अमेरिकी और गठबंधन सेना के सदस्यों की हत्या करने वाले आतंकी संगठनों की मदद करना बंद नहीं करता, तब तक सहायता निलंबित रखें।
पाकिस्तान की मदद नहीं करना चाहते थे ट्रंप
हम सभी ने ट्रंप को यह कहते सुना- मैं अब पाकिस्तान को और पैसा नहीं देना चाहता। मैकमास्टर ने लिखा कि पाकिस्तान अपना रवैया नहीं बदल रहा है। उसकी सरकार ने 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद को मैटिस के दौरे की पूर्व संध्या पर रिहा कर दिया था, जो किसी अपमान से कम नहीं था। इसके बाद पाकिस्तान में बंधकों से जुड़ी एक घटना ने आतंकियों के साथ पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी की निर्विवाद मिलीभगत को उजागर कर दिया।