कोलकाता। कोलकाता के सरकारी अस्पताल आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में जिस तरह से एक महिला प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ पहले यौन शोषण किया गया और फिर उसकी हत्या कर दी गई, उससे स्थानीय डॉक्टरों में गुस्सा है। इस घटना के बाद रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने देशभर के सभी सरकारी अस्पतालों में हड़ताल का आह्वान किया है और डॉक्टरों से इसमें शामिल होने को कहा है। इस हड़ताल के चलते ओपीडी, इलेक्टिव सर्जरी, लैब बंद रहेंगे।
आरोपी गिरफ्तार
इस मामले में आरोपी की पहचान संजय रॉय के रूप में हुई है, जो बाहरी व्यक्ति है, लेकिन उसे अस्पताल के अंदर कई विभागों में प्रवेश की अनुमति थी। आरोपी पुलिस कल्याण बोर्ड में सिविल वालंटियर था। सूत्रों के मुताबिक, संदिग्ध गतिविधियों के बाद संजय रॉय को गिरफ्तार किया गया है। सूत्रों की मानें तो अस्पताल में महिलाओं के साथ संजय का व्यवहार ठीक नहीं था। वह पहले भी संदेह के घेरे में आ चुका है।
ब्लूटूथ हेडफोन से मिला सुराग
रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले में संजय की गिरफ्तारी में आरोपी के हेडफोन ने अहम भूमिका निभाई है। सीसीटीवी फुटेज में देखा जा सकता है कि संजय अस्पताल में दाखिल होते समय ब्लूटूथ हेडफोन लगाए हुए थे, लेकिन जब वे अस्पताल से बाहर निकले तो हेडफोन गायब थे। पुलिस ने ब्लूटूथ हेडफोन का टूटा हुआ हिस्सा बरामद किया और इससे पुलिस को संदिग्ध के तार जोड़ने में मदद मिली। सीसीटीवी फुटेज में अन्य प्रशिक्षु डॉक्टरों और महिला डॉक्टरों ने भी संजय रॉय की पहचान की है।
महिला डॉक्टर का अर्धनग्न शव मिला
चेस्ट मेडिसिन विभाग की द्वितीय वर्ष की छात्रा महिला पीजीटी डॉक्टर का अर्धनग्न शव शुक्रवार को अस्पताल के सेमिनार हॉल में मिला। वह गुरुवार रात ड्यूटी पर थी और उसके शरीर पर चोट के कई निशान थे। प्रारंभिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हत्या से पहले यौन शोषण के संकेत मिले हैं, जिसके चलते उसके पिता ने आरोप लगाया है कि अस्पताल के अंदर उसकी बेटी के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या की गई।
सीसीटीवी जांच में मिले सबूत
शव बरामद होने के बाद पुलिस ने कॉलेज के एक हॉल में कमांड सेंटर बनाया, जिसमें हर घंटे सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण करने के लिए 15 लैपटॉप थे। शुरुआती जांच में पता चला है कि अपराध सुबह 4 से 6 बजे के बीच हुआ, यानी पीड़ित के खाना खाने के चार घंटे बाद। सीसीटीवी की जांच करते समय अधिकारियों ने सुबह 4 बजे के आसपास रॉय के प्रवेश पर ध्यान दिया और फुटेज को फ्रेम दर फ्रेम देखने पर पता चला कि आरोपी संजय बिना ईयरफोन के अस्पताल से निकल गया था।
पुलिस ने मौके पर मौजूद डॉक्टरों और नर्सों से भी पूछताछ की और रॉय की मौजूदगी को साबित करने के लिए सबूत जुटाए। सबूतों में अपराध स्थल पर मिला टूटा हुआ ब्लूटूथ ईयरफोन भी शामिल है। पूछताछ के दौरान रॉय डरा हुआ दिखाई दिया, जिसके बाद उसने अपना अपराध कबूल कर लिया।