नई दिल्ली: भारतीय पुरुष हॉकी टीम को अगर पिछले ओलंपिक के कांस्य पदक से बेहतर प्रदर्शन करना है तो उसे ‘ग्रुप ऑफ डेथ’ में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देकर आगे बढ़ना होगा। भारतीय टीम ग्रुप चरण के अपने पहले मैच में शनिवार को न्यूजीलैंड से भिड़ेगी। भारतीय टीम ने टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर 41 साल का इंतजार खत्म किया और तब से उससे काफी उम्मीदें हैं। भारतीय हॉकी के लिए यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि थी जिसने इससे पहले ओलंपिक में आठ स्वर्ण पदक जीते थे। पिछले ओलंपिक के प्रदर्शन के बाद भारतीय टीम से फिर पदक जीतने की उम्मीद है लेकिन यह आसान नहीं होगा।
ग्रुप ऑफ डेथ से भिड़ेगी भारतीय टीम
भारतीय टीम को मौजूदा चैंपियन बेल्जियम, ऑस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना, न्यूजीलैंड और आयरलैंड के साथ पूल बी में रखा गया है और इसलिए इसे ग्रुप ऑफ डेथ भी कहा जा रहा है। पूल ए में नीदरलैंड, जर्मनी, ग्रेट ब्रिटेन, स्पेन, दक्षिण अफ्रीका और मेजबान फ्रांस शामिल हैं। प्रत्येक पूल से चार टीमें क्वार्टर फाइनल में पहुंचेंगी।
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न्यूजीलैंड (27 जुलाई), अर्जेंटीना (29 जुलाई) और आयरलैंड (30 जुलाई) के खिलाफ पहले तीन मैच भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि इसके बाद उसका सामना बेल्जियम (1 अगस्त) और ऑस्ट्रेलिया (2 अगस्त) जैसी मजबूत टीमों से होगा। वह पहले तीन मैच जीतकर पूल चरण के आखिरी दो मैचों में पूरे आत्मविश्वास के साथ उतरना चाहेगी।
गोलकीपर पीआर श्रीजेश खेलों के बाद संन्यास लेंगे
यह प्रतियोगिता हरमनप्रीत सिंह की अगुआई वाली टीम को ‘भारतीय हॉकी की दीवार’ गोलकीपर पीआर श्रीजेश को शानदार विदाई देने का मौका देगी, जिन्होंने इन खेलों के बाद संन्यास की घोषणा कर दी है। कप्तान हरमनप्रीत, अमित रोहिदास, सुमित के साथ जरमनप्रीत और संजय डिफेंस लाइन की जिम्मेदारी संभालेंगे। मनप्रीत, उपकप्तान हार्दिक सिंह और विवेक सागर प्रसाद मिडफील्ड की मुख्य कड़ी होंगे, जबकि ललित उपाध्याय, मंदीप सिंह, गुरजंत सिंह, अभिषेक और सुखजीत को गोल करने की जिम्मेदारी उठानी होगी।
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पेनाल्टी कॉर्नर को गोल में बदलने की अहम जिम्मेदारी संभालनी होगी
दुनिया के सर्वश्रेष्ठ ड्रैगफ्लिकर में से एक हरमनप्रीत को पेनाल्टी कॉर्नर को गोल में बदलने की अहम जिम्मेदारी संभालनी होगी। इस विभाग में उनका प्रदर्शन भारत के लिए काफी अहम होगा। इसमें उन्हें रोहिदास और संजय का भी साथ मिलेगा। भारत की 16 सदस्यीय टीम में 11 ओलंपिक पदक विजेता हैं जबकि जरमनप्रीत सिंह, सुखजीत सिंह, अभिषेक, राजकुमार पाल और संजय अपना ओलंपिक डेब्यू कर रहे हैं। श्रीजेश और मनप्रीत सिंह का यह चौथा ओलंपिक होगा। भारत पिछले कुछ समय में विश्व रैंकिंग में तीसरे से सातवें स्थान पर खिसक गया है, लेकिन ओलंपिक जैसी बड़ी प्रतियोगिता में रैंकिंग ज्यादा मायने नहीं रखती।
ध्यान केंद्रित करने की रणनीति चल रही है
भारतीय कोच क्रेग फुल्टन पहले तीन मैचों के महत्व को समझते हैं और वह एक बार में एक मैच पर ध्यान केंद्रित करने की रणनीति पर चल रहे हैं। उन्होंने कहा, “हमारे पास अच्छा पूल है। ओलंपिक में कोई भी मैच आसान नहीं होता। हम बेल्जियम और ऑस्ट्रेलिया का सामना करने से पहले लय हासिल करने के लिए पहले मैच पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हम एक बार में एक मैच पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।” अपने करियर का आखिरी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट खेल रहे श्रीजेश से उम्मीद है कि वह गोल करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।