सावन की कालाष्टमी पर भैरव बाबा को प्रसन्न करने के उपाय

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सनातन धर्म में कई सारे पर्व मनाए जाते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन हर माह पड़ने वाली कालाष्टमी को बेहद ही खास माना गया है जो कि भगवान शिव के रौद्र स्वरूप भगवान काल भैरव की पूजा को समर्पित होती है इस दिन कालभैरव की पूजा का विधान होता है।

भैरव बाबा की पूजा विधि:

  1. स्नान और पवित्रता: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल को साफ करें और गंगाजल से पवित्र करें।
  2. भैरव बाबा की प्रतिमा या चित्र: भैरव बाबा की प्रतिमा या चित्र को पूजा स्थल पर स्थापित करें।
  3. दीप और धूप जलाएं: दीपक और धूप जलाकर भगवान भैरव की आराधना प्रारंभ करें।
  4. मंत्र जाप:
    • ओम भैरवाय नमः मंत्र का 108 बार जाप करें।
    • ओम कालभैरवाय नमः मंत्र का भी जाप किया जा सकता है।
  5. भोग अर्पित करें: भैरव बाबा को उनके प्रिय भोग अर्पित करें, जैसे कि इमरती, गुलगुले, काले तिल, और नारियल।
  6. पूजा सामग्री:
    • काले तिल
    • नींबू
    • सरसों का तेल
    • काले कपड़े
    • लाल फूल
    • धूप और दीपक
  7. अखंड ज्योत: पूजा स्थल पर अखंड ज्योत जलाएं और पूरी रात जलती रहे इस बात का ध्यान रखें।
  8. आरती: भैरव बाबा की आरती करें और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए श्रद्धा और भक्ति से आराधना करें।

भैरव बाबा की कृपा के लाभ:

  • संकटों से मुक्ति मिलती है।
  • शत्रु बाधाओं का नाश होता है।
  • भयरहित जीवन का अनुभव होता है।
  • मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।

विशेष ध्यान:

  • पूजा के समय काले वस्त्र पहनें।
  • किसी भी प्रकार का तामसिक भोजन ना करें।
  • पूजा के बाद गरीबों और जरूरतमंदों को दान करें।

भैरव बाबा की कृपा से आपके सभी संकट दूर होंगे और जीवन में सुख-शांति का वास होगा।

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