नई दिल्ली: पेरिस ओलंपिक 2024 जल्द ही शुरू होने वाला है। इस खेल आयोजन का उद्घाटन 26 जुलाई को होगा और 11 अगस्त को समापन समारोह तक चलेगा। दुनिया के इस सबसे बड़े मंच ओलंपिक में अपना दमखम दिखाने के लिए भारतीय एथलीट पूरी तरह तैयार हैं और पेरिस के लिए रवाना हो रहे हैं।
ओलंपिक खेलों में अब तक कई हैरान करने वाली घटनाएं देखने को मिली हैं, जिसमें एथलीटों को कई बार मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। इस बीच एक खिलाड़ी ऐसा भी रहा जो जीतकर भी हार गया और खाली हाथ घर गया। गोल्ड जीतकर सबकी नजरों में हीरो बना खिलाड़ी जल्द ही सबके सामने विलेन बन गया।
ये थी घटना
इस घटना के बारे में बताने के लिए आपको साउथ कोरिया ले चलते हैं। ये घटना 1988 में साउथ कोरिया की राजधानी सियोल में आयोजित सियोल ओलंपिक की है। दिन था 24 सितंबर, जहां 100 मीटर रेस का फाइनल होना था। ओलंपिक इतिहास में जल्द ही सबसे बदनाम खेल क्षण बनने वाली इस दौड़ में बेन जॉनसन शामिल थे और उन्हें कड़ी टक्कर देने के लिए तत्कालीन ओलंपिक चैंपियन और कट्टर प्रतिद्वंद्वी कार्ल लुईस थे।
मैदान में मौजूद सभी एथलीट दौड़ के लिए तैयार होने के लिए खड़े थे, कूद रहे थे और छलांग लगा रहे थे, लेकिन जॉनसन सबसे अलग खड़े थे, बिना पलक झपकाए सीधे आगे की ओर देख रहे थे। बंदूक चली, दौड़ शुरू हुई और कनाडाई जॉनसन ने छलांग लगाई, अपनी शुरुआती स्थिति से उन्होंने ऐसी बढ़त हासिल की जिसे वे कभी खोना नहीं चाहते थे।
Il va alors mener une campagne de sape contre le canadien en allant même parler au congrès.
Quand le responsable anti-dopage américain, Wade Exum, avouera que Carl Lewis était aussi dopé et avait raté des tests, Carl Lewis dira "Et alors? Oups, pas ma faute mdr"
14/35 pic.twitter.com/fb56kUwhBT
— Alexandre Jaafari (@coachouicoachv2) July 20, 2024
उन्होंने ट्रैक और फील्ड में पहले कभी नहीं देखी गई आश्चर्यजनक शक्ति का प्रदर्शन किया। बेन जॉनसन ने दौड़ को केवल 9.79 सेकंड में पूरा किया, जिसने अब तक के सर्वश्रेष्ठ स्प्रिंटर्स के खिलाफ विश्व रिकॉर्ड तोड़ दिया। इसके साथ ही कनाडा के बेन जॉनसन ने 100 मीटर की दौड़ विश्व रिकॉर्ड के साथ जीत ली।
जॉनसन एक पल में हीरो से विलेन बन गए
विश्व रिकॉर्ड के साथ जीतने वाले बेन जॉनसन को 1988 में दक्षिण कोरिया के सियोल में आयोजित ओलंपिक में 100 मीटर की दौड़ में स्वर्ण पदक जीतने पर दुनिया के शीर्ष पर होना चाहिए था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
कुछ दिनों बाद बेन जॉनसन स्टेरॉयड टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए। जिसके कारण उनसे उनका पदक छीन लिया गया और उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया। इस तरह बेन जॉनसन ने दौड़ के दौरान ड्रग्स का इस्तेमाल किया। जिसके कारण उनके कृत्य को अयोग्य घोषित कर दिया गया। वे खेलों में ड्रग्स का इस्तेमाल करने के कारण अयोग्य घोषित होने वाले दुनिया के पहले एथलीट थे। बेन जॉनसन के इस कृत्य ने पूरे देश को निराश कर दिया।
कार्ल लुईस को मिला स्वर्ण पदक
जॉनसन के अयोग्य घोषित होने के बाद कार्ल लुईस जो दौड़ में दूसरे स्थान पर थे। उन्हें सियोल ओलंपिक में 100 मीटर की दौड़ में स्वर्ण पदक दिया गया और इस तरह 1984 के ओलंपिक में स्वर्ण जीतने के बाद कार्ल लुईस एक बार फिर 1988 में सियोल ओलंपिक में सफलतापूर्वक स्वर्ण जीतने में सफल रहे।