आज आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि और त्रयोदशी तिथि है। आज गुरु प्रदोष व्रत का संयोग बन रहा है। गुरु प्रदोष व्रत के दिन शिव जी की उपासना करने वालों को समृद्धि , ऐश्वर्य और दांपज्य जीवन सुखमय रहता है। मान्यता है कि प्रदोष व्रत के दिन भगवान भोलेनाथ को बेलपत्र अर्पित किया जाए तो वह जल्द प्रसन्न होते हैं और समस्त संकटों का नाश होता है।
तिथि: आषाढ़ शुक्ल द्वादशी (संध्या 08:44 से त्रयोदशी तिथि प्रारंभ)
वार: गुरुवार
नक्षत्र: शततारक (सुबह 06:01 तक), फिर पूर्वाषाढ़ा
योग: ब्रह्म (पूरे दिन)
करण: तैतिल (सुबह 06:01 तक), फिर गर (शेष दिन)
सूर्योदय: 05:35 बजे
सूर्यास्त: 07:22 बजे
चंद्रोदय: 01:24 बजे (19 जुलाई)
चंद्रास्त: 14:02 बजे
अमावस्या/पूर्णिमा: पूर्णिमा – 24 जुलाई 2024
ग्रहों की स्थिति:
- सूर्य: कर्क राशि में
- चंद्र: मकर राशि में
- मंगल: मेष राशि में
- बुध: मिथुन राशि में
- गुरु: मीन राशि में
- शुक्र: वृषभ राशि में
- शनि: मकर राशि में
- राहु: मेष राशि में
- केतु: तुला राशि में
विशेष:
- गुरु प्रदोष व्रत: आज गुरु प्रदोष व्रत का महासंयोग बन रहा है। यह व्रत भगवान शिव को समर्पित है और इसे बहुत ही शुभ माना जाता है।
- राहुकाल: आज राहुकाल सुबह 07:30 बजे से 09:00 बजे तक होगा। इस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए।
- अशुभ मुहूर्त: आज काली घड़ी दोपहर 12:15 बजे से 01:00 बजे तक रहेगी। इस दौरान भी कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए।
शुभ मुहूर्त:
- ब्रह्म योग: यह दिनभर रहेगा और सभी कार्यों के लिए शुभ रहेगा।
- अभिजित मुहूर्त: दोपहर 12:15 बजे से 12:52 बजे तक। इस मुहूर्त में कोई भी शुभ कार्य आरंभ कर सकते हैं।
आज का शुभ कार्य:
- गुरु प्रदोष व्रत का पालन करें।
- भगवान शिव की पूजा करें।
- दान-पुण्य करें।
- किसी भी शुभ कार्य का आरंभ करें।
आज का अशुभ कार्य:
- राहुकाल में कोई भी शुभ कार्य नहीं करें।
- काली घड़ी में कोई भी शुभ कार्य नहीं करें।
- विवाद और झगड़े से बचें।
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