अलीगढ़ में सेमेस्टर परीक्षाओं ने एक या दो नंबर से फेल हो गए छात्र-छात्राओं ने शुक्रवार को जमकर हंगामा काटा। कैंप कार्यालय में घुसकर कुलपति को बंधक बना लिया और उनके ऊपर स्याही भी फेंक दी।
अलीगढ़। अलीगढ़ में सेमेस्टर परीक्षाओं ने एक या दो नंबर से फेल कर दिए गए छात्र-छात्राओं ने शुक्रवार को जमकर हंगामा काटा। कैंप कार्यालय में घुसकर कुलपति को बंधक बना लिया और उनके ऊपर स्याही भी फेंक दी। भीषण उमस और गर्मी में पंखा, कूलर, एसी सब बंद कर दिया। इस दौरान उमस के कारण दो छात्राओं की भी हालत बिगड़ गई। मौके पर पहुंची पुलिस भी छात्रों ने नहीं समझा सकी। कुलपति और विश्वविद्यालय के खिलाफ छात्र नारेबाजी करते रहे।
सेमेस्टर परीक्षा में कई छात्र-छात्राओं को एक या दो नम्बर से किया फेल
बताया जाता है कि राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय से सम्बद्ध धर्म समाज महाविद्यालय, श्री टीकाराम कन्या महाविद्यालय एवं श्री वार्ष्णेय महाविद्यालय के सेमेस्टर परीक्षा में कई छात्र-छात्राओं को एक या दो नंबरों से फेल कर दिया गया है। इसी को लेकर छात्रों का गुस्सा भड़क गया। आक्रोशित छात्रों ने शुक्रवार दोपहर विवि कैम्प कार्यालय में धावा बोल दिया। छात्रों ने आते ही कुलपति को बंधक बना लिया और नारेबाजी करने लगे।
स्नातक एवं परास्नातक पाठ्यक्रमों एक या दो नंबर से फेल
उनका कहना था कि स्नातक एवं परास्नातक पाठ्यक्रमों की सेमेस्टर परीक्षाओं में काफी संख्या में छात्र-छात्राओं को एक या दो नंबर से फेल कर दिया गया है। तीनों अनुदानित महाविद्यालय के अनेक छात्र-छात्राओं की बैक आयी है। कुलपति की ओर से कोई आश्वासन न मिलने पर छात्रों ने उनके कक्ष के पंखे, बल्ब आदि बंद कर दिए।
कुलपति के खिलाफ जमकर नारेबाजी की
पसीने से नहाए छात्र-छात्राएं कक्ष में ही डटे रहे। कुलपति के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते रहे। दोपहर दो बजे कुलपति को कुर्सी से उतार कर कुर्सी भी बाहर उठा ले गए। उसके बाद दोदपुर रोड पर उनकी कुर्सी रखकर जाम लगा दिया। प्रदर्शन के दौरान दो छात्राएं बेहोश भी हो गईं।
सीओ ने दी नसीहत तो वीसी ने फटकारा
इस दौरान वहां पहुंचे सीओ फर्स्ट अभय सिंह ने वीसी को नसीहत देने की कोशिश की। इस पर फटकार सुननी पड़ गई। सीओ ने कहा कि एक नम्बर बढ़ा दीजिए। इस पर वीसी गुस्सा हो गए और सीओ से उनकी क्वालिफिकेशन पूछ लिया। सीओ ने भी पलटकर जवाब दे दिया। कहा कि योग्यता भले ही कम है। समझदारी बहुत है। अब आप ही संभालिये छात्रों को। बोलकर निकल गए।