गेहूं भारत की सबसे महत्वपूर्ण खाद्य फसलों में से एक है। यह रबी मौसम में उगाया जाता है और देश के विभिन्न हिस्सों में इसकी खेती की जाती है।
यहां गेहूं की खेती के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है:
जलवायु और मिट्टी
गेहूं की अच्छी पैदावार के लिए शीतल और शुष्क जलवायु उपयुक्त होती है। इसकी खेती के लिए विभिन्न प्रकार की मिट्टी का उपयोग किया जा सकता है, लेकिन दोमट और बलुई दोमट मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है।
खेत की तैयारी
गेहूं की बुवाई से पहले खेत की अच्छी तैयारी करनी चाहिए। खेत को गहरी जुताई करके समतल कर लेना चाहिए। इसके बाद, खेत में गोबर की खाद या अन्य जैविक खाद डालकर अच्छी तरह मिला लेना चाहिए।
बुवाई का समय
गेहूं की बुवाई का समय क्षेत्र और जलवायु के अनुसार भिन्न होता है।
- उत्तर भारत: अक्टूबर से नवंबर के मध्य
- दक्षिण भारत: सितंबर से अक्टूबर के मध्य
बीज की किस्में
गेहूं की कई किस्में उपलब्ध हैं, जिनमें से आप अपनी जलवायु और मिट्टी के अनुसार उपयुक्त किस्म का चयन कर सकते हैं। कुछ लोकप्रिय किस्मों में शामिल हैं:
- उत्तर भारत: PBW 343, HD 2967, HBL 665, HUW 230
- दक्षिण भारत: WH 1105, WH 1122, PBW 343, Sonalika
बुवाई की विधि
गेहूं की बुवाई कई तरीकों से की जा सकती है, जैसे कि:
- पंक्ति बुवाई: यह सबसे आम तरीका है, जिसमें बीजों को एक निश्चित दूरी पर पंक्तियों में बोया जाता है।
- छिड़काव विधि: इस विधि में बीजों को खेत में छिड़का जाता है और फिर हैरो से ढक दिया जाता है।
उर्वरक प्रबंधन
गेहूं की फसल को अच्छी पैदावार के लिए संतुलित मात्रा में नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम की आवश्यकता होती है। उर्वरकों की मात्रा और प्रकार मिट्टी की उर्वरता और फसल की किस्म के अनुसार भिन्न हो सकते हैं।
सिंचाई
गेहूं की फसल को नियमित सिंचाई की आवश्यकता होती है। बुवाई के बाद, हल्की सिंचाई की जाती है, इसके बाद टिंडा निकलने पर, फूल आने पर और दाना भरने की अवस्था में सिंचाई की जाती है।
खरपतवार नियंत्रण
खरपतवार फसल की पैदावार और गुणवत्ता को कम करते हैं। खरपतवारों को नियंत्रित करने के लिए विभिन्न तरीकों का उपयोग किया जा सकता है, जैसे कि:
- निराई-गुड़ाई: खेत में हाथ से या निराई करने वाले यंत्रों से खरपतवारों को निकाला जाता है।
- रासायनिक खरपतवारनाशी: खरपतवारों को नियंत्रित करने के लिए विभिन्न प्रकार के रासायनिक खरपतवारनाशी का उपयोग किया जा सकता है।
रोग और कीट नियंत्रण
गेहूं की फसल को कई प्रकार के रोगों और कीटों द्वारा प्रभावित किया जा सकता है। इन रोगों और कीटों से बचाव के लिए उचित उपाय किए जाने चाहिए।
कटाई
गेहूं की फसल जब पूरी तरह से पक जाए तो उसकी कटाई कर ली जाती है। कटाई हाथ से या मशीनों द्वारा की जा सकती है।
भंडारण
कटाई के बाद, गेहूं को साफ करके सूखी जगह में संग्रहित किया जाना चाहिए।
गेहूं की खेती से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
- गेहूं भारत में सबसे अधिक बोई जाने वाली फसल है।
- भारत दुनिया
कुछ महत्वपूर्ण किस्में
- HD 2967
- PBW 343
- Sonalika
- HUW 207
- WH 1105