इंदौर: इंदौर के एक बाल आश्रम में 48 घंटे के भीतर 3 बच्चों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई, जबकि 12 बच्चों को उल्टी-दस्त की शिकायत के साथ सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। अधिकारियों ने बताया कि मल्हारगंज थाना क्षेत्र के ‘श्री युगपुरुष धाम’ के बाल आश्रम में रविवार और मंगलवार के बीच 48 घंटे के भीतर शुभ (8), करण (12) और आकाश (7) की मौत हो गई। उन्होंने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही तीनों बच्चों की मौत का असली कारण पता चल सकेगा। अधिकारियों ने बताया कि बाल आश्रम में अलग-अलग इलाकों से लाए गए बच्चे रहते हैं, जिनमें अनाथ और मानसिक समस्याओं से ग्रस्त बच्चे भी शामिल हैं।
आश्रम से भोजन और राशन के सैंपल लेकर किए जा रहे चेक
3 बच्चों की मौत से मचे बवाल के बाद प्रशासन के अलग-अलग विभागों की संयुक्त टीम बाल आश्रम पहुंची और जांच शुरू कर दी। टीम का नेतृत्व कर रहे अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी (एडीएम) राजेंद्र सिंह रघुवंशी ने बताया कि बाल आश्रम में कुल 204 बच्चे रखे गए थे, जिनमें से पिछले 48 घंटे में तीन बच्चों की मौत हो गई। एडीएम ने बताया कि आश्रम की विस्तृत जांच चल रही है। जांच में आश्रम संचालकों की कोई लापरवाही पाई गई तो उचित कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि खाद्य विभाग की टीम ने आश्रम से भोजन और राशन के सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिए हैं।
12 बच्चे उल्टी-दस्त की शिकायत
शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय (एमवायएच) के अधीक्षक डॉ. अशोक यादव ने बताया कि आश्रम के 12 बच्चे उल्टी-दस्त की शिकायत के साथ हमारे अस्पताल में भर्ती हुए थे। इनमें से दो बच्चों की हालत शरीर में पानी की कमी के कारण गंभीर है। उनकी हालत में सुधार के प्रयास जारी हैं। एमवायएच में भर्ती बच्चों की उम्र 14 साल से कम है। जिलाधिकारी आशीष सिंह ने एमवायएच पहुंचकर बीमार बच्चों का हालचाल जाना। उन्होंने बताया कि डॉक्टरों के अनुसार प्रथम दृष्टया मामला फूड प्वाइजनिंग का लग रहा है।
तीन बच्चों में से 2 की मौत ब्रेन स्ट्रोक
श्री युगपुरुष धाम बाल आश्रम की प्रिंसिपल अनीता शर्मा ने दावा किया है कि उनके संस्थान में मरने वाले तीन बच्चों में से 2 की मौत ब्रेन स्ट्रोक से हुई है। उन्होंने कहा कि दोनों बच्चे क्रॉनिक ब्रेन स्ट्रोक से पीड़ित थे और उनका इलाज चल रहा था। अधिकारियों ने बताया कि ‘श्री युगपुरुष धाम’ के प्रबंधन की ओर से बाल कल्याण समिति को लिखे गए पत्र में दावा किया गया है कि आश्रम में रहने वाले 10 बच्चों के खून में संक्रमण पाया गया है। हालांकि प्रशासन ने अभी तक आश्रम प्रबंधन के इस दावे की पुष्टि नहीं की है।