दूरसंचार अधिनियम 2023: देश में 26 जून से नया दूरसंचार कानून लागू हो गया है। टेलीकॉम सेक्टर में हो रहे नए तकनीकी बदलावों को ध्यान में रखते हुए नया टेलीकॉम एक्ट लाया गया है। इस नए दूरसंचार अधिनियम 2023 ने भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम 1885 और भारतीय वायरलेस टेलीग्राफ अधिनियम 1933 का स्थान लिया।
नए कानून को पिछले साल दिसंबर में दोनों सदनों ने मंजूरी दे दी थी और उसी महीने राष्ट्रपति ने भी इस पर हस्ताक्षर कर इसे कानून बना दिया था। अब यह कानून लागू हो गया है। दूरसंचार अधिनियम 2023 में, अधिनियम की धारा 1, 2, 10 से 30, 42 से 44, 46, 47, 50 से 58, 61 और 62 के प्रावधान तब लागू होंगे जब अधिनियम के प्रावधानों का पालन किया जाएगा। ।
नए नियम के मुताबिक एक व्यक्ति कितने सिम खरीद सकता है?
एक व्यक्ति एक पहचान पत्र पर 9 सिम कार्ड रजिस्टर करा सकता है। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर और उत्तर पूर्व राज्य के लोग केवल 6 सिम ही रजिस्टर करा सकते हैं। पहली बार रु। से ऊपर के सिम कार्ड धारक के लिए। 50 हजार जुर्माना और निजी समय में ऐसा होने पर 50 हजार रु. 2 लाख जुर्माने का प्रावधान है।
फर्जी सिम कार्ड के जुर्म में होगी जेल!
इस अधिनियम में अपराध पर अंकुश लगाने और सिम कार्ड जारी करने पर रोक लगाने के लिए भी सख्त प्रावधान हैं। जिसमें फर्जी सिम कार्ड की बिक्री, खरीद और उपयोग पर तीन साल की कैद या जुर्माने का प्रावधान है। इसमें 50 लाख रुपये तक जुर्माने का प्रावधान है। नए कानून के तहत बायोमेट्रिक डेटा लेने के बाद ही सिम जारी किया जाएगा।
यूजर को DND का विकल्प मिलेगा
इसके अलावा टेलीकॉम कंपनियां यूजर्स को DND (डू-नॉट-डिस्टर्ब) सर्विस रजिस्टर करने का विकल्प देती हैं। यूजर्स अब बार-बार आने वाली अनावश्यक फोन कॉल्स की भी शिकायत कर सकते हैं। यदि नियमों का उल्लंघन किया गया तो कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा प्रमोशनल मैसेज भेजने के लिए भी यूजर्स की सहमति जरूरी है। जिसके लिए पहले सहमति लेनी होगी।
कॉल टैपिंग के आरोप में तीन साल का सश्रम कारावास
बिना अनुमति के टेलीकॉम नेटवर्क डेटा तक पहुंचना, कॉल टैप करना या रिकॉर्ड करना अपराध है। ऐसा करते हुए पकड़े जाने पर तीन साल के कठोर कारावास और पांच हजार रुपये जुर्माने की सजा होगी। 2 करोड़ तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
स्पेक्ट्रम का आवंटन नीलामी से नहीं
सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवा के लिए स्पेक्ट्रम का आवंटन अब नीलामी के जरिए नहीं किया जाएगा। इसके अलावा विदेशी कंपनियों को स्पेक्ट्रम भी दिया जाएगा। यह कानून नई प्रौद्योगिकियों की सुविधा के लिए नियामक सैंडबॉक्स के लिए एक कानूनी ढांचा भी प्रदान करेगा।
जरूरत पड़ने पर सरकार टेलीकॉम सेवाएं बंद कर सकती है
नया दूरसंचार कानून सरकार को आपातकाल के समय किसी भी दूरसंचार सेवा या नेटवर्क को नियंत्रित करने की अनुमति देता है। सरकारें सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था या अपराध की रोकथाम के लिए दूरसंचार सेवाओं को नियंत्रित कर सकती हैं। इसके अलावा यह कानून यूजर को अनचाही बिजनेस कॉल से बचने का रास्ता भी देता है। साथ ही सिम कार्ड से जुड़े सख्त प्रावधान भी शामिल किए गए हैं।
लेखक — सोनू वर्मा