लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कानून का राज सुशासन की पहली शर्त है। इसके लिए सुरक्षा और संरक्षा का बेहतर माहौल होना चाहिए। सुरक्षा का माहौल राज्य की जिम्मेदारी है। हमारी पुलिस इसका बखूबी निर्वहन करती है। समय के अनुसार पुलिस को आधुनिक बनाने की मांग लंबे समय से चल रही थी।
डीजी कांफ्रेंस में प्रधानमंत्री ने देशभर के पुलिस महानिदेशकों को कानून में बदलाव के साथ ही स्मार्ट पुलिसिंग की नई अवधारणा के आधार पर नया विजन दिया था। उन्होंने सख्त और संवेदनशील, आधुनिक और मोबाइल, सतर्क और जवाबदेह, विश्वसनीय और उत्तरदायी, टेक्नोसेवी और ट्रेंड होने की बात कही थी। यूपी पुलिस ने इन सभी बातों को अक्षरशः लागू करने का प्रयास किया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को अपने सरकारी आवास पर यूपी – 112 द्वितीय चरण के अंतर्गत अपग्रेडेड पीआरवी को हरी झंडी दिखाई। साथ ही वातानुकूलित हेलमेट भी वितरित किए। इस अवसर पर सीएम ने कहा कि यह कार्यक्रम स्मार्ट पुलिसिंग की सात साल की प्रक्रिया को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का अभियान है।
कानून के राज ने पुलिस को विश्वास का प्रतीक बनाया
पिछले सात सालों में यूपी पुलिस ने न सिर्फ देश में अपनी नई पहचान बनाई है, बल्कि यूपी को नई पहचान दिलाने में भी अहम भूमिका निभाई है। सात सालों में यूपी में कानून का राज देखने को मिला है। कानून के राज ने पुलिस को सम्मान और विश्वास का प्रतीक भी बनाया और निवेश और व्यापार की नई संभावनाओं के साथ प्रदेश को विकास और रोजगार के नए दौर में ले जाने का काम किया। 2017 में सीएम बनने के बाद पहली प्रशासनिक बैठक हुई, जहां पता चला कि आबादी के लिहाज से यूपी देश का सबसे बड़ा राज्य है, लेकिन छठी अर्थव्यवस्था वाला राज्य था।
राज्य में कानून का राज स्थापित होते ही यूपी देश की दूसरी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा और अब तेजी से देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित हो रहा है। सीएम ने कहा कि अगर हम समाज की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए आधुनिकीकरण पर ध्यान नहीं देंगे तो पुलिस बल पिछड़ जाएगा। इसका सबसे खतरनाक असर आम नागरिकों की सुरक्षा पर पड़ेगा। एक बार जनता का सिस्टम से भरोसा उठ गया तो उसे बहाल होने में काफी समय लगेगा।
यूपी पुलिस बल के लिए पहली बार फोरेंसिक इंस्टीट्यूट का गठन
आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर ने नए दौर में प्रवेश किया है। निवेश, ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट और ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी कैसी होनी चाहिए, इसका उदाहरण यूपी ने पेश किया है। यह सिर्फ नारा नहीं है, जमीनी हकीकत है। हमने बिना किसी भेदभाव के पारदर्शी प्रक्रिया से पुलिस बल में भर्ती की और उचित प्रशिक्षण भी दिया। बड़े महानगरों को छोड़ दें तो विकास प्रक्रिया से जुड़े किसी भी सामान्य जिले की सबसे ऊंची इमारत पुलिस लाइन के अंदर बन रही आधुनिक पुलिस बैरक है। यहां अवस्थापना सुविधाओं के विकास और प्रशिक्षण क्षमता को बढ़ाया गया। पुलिस बल को आधुनिक बनाने के लिए कई प्रयास किए गए। पहली बार यूपी पुलिस बल के लिए फोरेंसिक इंस्टीट्यूट का गठन किया गया। पिछले साल कोर्स भी शुरू किया गया।
सरकार ने तय किया तीन साल का कार्यक्रम, बेड़े में शामिल होंगे 6278 वाहन
हमने यूपी-112 के रिस्पॉन्स टाइम को कम करने और पीआरवी-112 की संख्या बढ़ाने का प्रयास किया। सात साल में चार पहिया वाहनों के साथ दो पहिया वाहनों को भी शामिल किया गया, ताकि पीआरवी आम लोगों की सेवा के लिए गली-मोहल्लों तक पहुंच सके। कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान यूपी पुलिस की पीआरवी 112 सुर्खियों में रही। लोगों ने पुलिस बल की सेवा भावना देखी थी।
जिन गलियों-मोहल्लों में चार पहिया वाहन नहीं जा सकते, वहां दो पहिया वाहन की सुविधा पहुंची। सरकार ने अगले तीन साल के लिए बड़ा कार्यक्रम तय किया है। इस बेड़े में 6278 चार और दो पहिया वाहन उपलब्ध कराने के प्रयास शुरू हो गए हैं। इस साल 1778 चार-दो पहिया वाहन बेड़े का हिस्सा बनने जा रहे हैं।
सीएम योगी ने कानपुर पुलिस के प्रयासों की सराहना की
कानपुर ट्रैफिक पुलिस की ओर से कर्मचारी कल्याण के लिए एसी हेलमेट उपलब्ध कराने की अभिनव पहल की गई। इसका निर्माण हैदराबाद की एक कंपनी ने किया है। कानपुर मेट्रो में कार्यरत एफकॉन इंफ्रास्ट्रक्चर ने सीएसआर एक्टिविटी के जरिए कानपुर ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को सहयोग दिया है। सीएम ने कानपुर ट्रैफिक पुलिस के कांस्टेबल सुगौरव तिवारी को हेलमेट पहनाया। सीएम ने कहा कि गर्मी के नए रिकॉर्ड टूट गए हैं। जब पुलिस और कर्मचारी आखिरी चरण की चुनाव ड्यूटी के लिए निकल रहे थे, तब एक ही दिन में दर्जनों मौतें हो गईं। उस समय तापमान काफी ज्यादा था।
यूपी पुलिस भीषण गर्मी में भी लोगों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराती है। ट्रैफिक पुलिस के जवान चौराहों पर खड़े होकर यातायात व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करते हैं। कई बार ऐसा करते समय जवान बेहोश हो जाते हैं या कोई अप्रिय घटना घट जाती है। इस एसी हेलमेट से कुछ हद तक मदद मिलेगी। सीएम ने कहा कि कानपुर कमिश्नरेट पुलिस का यह प्रयास सराहनीय है।