World Music Day 2024: फिल्मों, सीरियल्स की तरह वेब सीरीज के गाने भी दर्शकों की जुबान पर चढ़ने लगे हैं। कई वेब सीरीज का बैकग्राउंड म्यूजिक कर्णप्रिय है और संगीत भी सटीक है। माध्यम के लिए गीत और संगीत तैयार करने वाले सौरभ भालेराव, सारंग कुलकर्णी और समीर सावंत ने आज ‘विश्व संगीत दिवस’ के अवसर पर अपने अनुभव साझा किए।
मुंबई। ‘एस्पिरेंट्स’ वेब सीरीज का गाना ‘धागा ये टूटे ना ये धागा, बरसो की यादों का ये धागा’ दर्शकों के दिलों को छू गया। वहीं ‘धीरे-धीरे से खो गए हम’ ‘मिसमैच’ सीरीज का गाना है जो एक कोमल पल में दिल की भावनाओं को दर्शाता है। वहीं ‘ए सूटेबल बॉय’ सीरीज के अलग हेयरकट वाले गाने ‘मुदाद हुई है’ ने दर्शकों की प्लेलिस्ट में जगह बनाई। हालिया सीरीज ‘हीरामंडी: द डायमंड बाजार’ का हर गाना दर्शकों की जुबान पर चढ़ा हुआ है। इतना ही नहीं, दर्शक सीरीज के नाम को बैकग्राउंड म्यूजिक से पहचानने लगे हैं, इतना ही नहीं सीरीज के गाने, म्यूजिक और बैकग्राउंड म्यूजिक ने दर्शकों का दिल जीत लिया है।
गानों की बढ़ती लोकप्रियता के कारण स्ट्रीम करने वाले प्लेटफॉर्म्स को शामिल करना पड़ा
वेब सीरीज में गानों की बढ़ती लोकप्रियता के कारण गाने स्ट्रीम करने वाले प्लेटफॉर्म्स को भी इन्हें शामिल करना पड़ा। आज ‘विश्व संगीत दिवस’ के मौके पर ओटीटी (ओवर द टॉप) ने संगीत निर्माताओं से बातचीत की। ‘।।।और के हवन’, ‘शांति क्रांति 1’, ‘ह्यूमन’, ‘दो गुबारे’ और ‘लमपन’ जैसे धारावाहिकों का संगीत और पृष्ठभूमि संगीत विशेष रूप से उल्लेखनीय था। इस सीरीज का नाम सुनते ही दर्शकों के दिमाग में उस सीरीज का संगीत बजने लगता है, यही इसकी सफलता है।
हमारे पास स्थापित हो रही वेब की दुनिया
प्रसिद्ध मराठा संगीत निर्माता सौरभ भालेराव ने इस श्रृंखला के लिए संगीत तैयार किया है। इस अनुभव के बारे में सौरभ कहते हैं, ‘चूंकि हमारे पास वेब की दुनिया स्थापित हो रही है, इसलिए यहां प्रयोग करने की गुंजाइश है। इस माध्यम में संगीत की मांग बढ़ती जा रही है। यदि कोई निर्देशक उतना प्रभावी नहीं है जितनी सेना उम्मीद करती है तो हम संगीतकारों की ज़िम्मेदारी बढ़ जाती है। उस दृश्य में संगीत जोड़ा जाता है। वेब सीरीज जैसे ‘कंटेंट किंग’ माध्यम में संगीत का बहुत बड़ा दायरा है। कभी-कभी किसी गाने को मौके के हिसाब से टुकड़ों में बजाया जाता है, यह नया चलन वेब जगत में देखने को मिल रहा है। एक बार जब आप इस माध्यम के लिए काम करते समय निर्देशक का दृष्टिकोण जान लेते हैं, तो अगली गणना आसान हो जाती है।’