संभावित बाढ़ एवं सूखा को लेकर सीएम नीतीश कुमार की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक, जिलाधिकारियों को दिए निर्देश

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आज संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ की पूर्व तैयारियों को लेकर उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक हुई, जिसमें बाढ़ से होने वाले नुकसान से निपटने के लिए पहले से इंतजाम करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए।

नई दिल्ली। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में संभावित बाढ़ एवं सुखा की पूर्व तैयारियों को लेकर उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक हुई। 1 अणे मार्ग स्थित संकल्प भवन में हुई समीक्षा बैठक में अधिकारियों को बाढ़ से होने वाले नुकसान से निपटने से इंतजाम करने के निर्देश दिए गए है। बैठक में उप-मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, उप-मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा सहित संबंधित विभाग के मंत्रीगण, मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव मौजूद रहे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक भी बैठक से जुड़े रहे।

जिम्मेदारी अच्छे से निभाने के निर्देश

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ और सुखाड़ दोनों की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए सभी विभाग के अधिकारी और जिलाधिकारी पूरी तरह अलर्ट रहें। सभी तैयारियां समय पर पूरी कर ली जाएं। आपदा प्रबंधन विभाग अलर्ट रहे और पता लगाए कि क्या-क्या करने की जरूरत है, ताकि लोगों को कोई दिक्कत नहीं हो। हर चीज पर नजर रखनी है और पूरी तरह से सतर्क रहना है। मुस्तैदी के साथ सभी लोग लगे रहेंगे तो आपदा की स्थिति में लोगों को राहत मिलेगी। अधिकारी अपना फर्ज और जिम्मेदारी अच्छे से निभाएं।

भू-जलस्तर पर नजर रखने के आदेश

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के खजाने पर आपदा पीड़ितों का पहला अधिकार है। जिलाधिकारी अपने-अपने जिलों की स्थिति का आकलन करें। उसके अनुसार सभी प्रकार की तैयारियां पूर्ण रखें। वे क्षेत्रों में जाएं और वस्तु स्थिति की जानकारी लें और लोगों को जागरूक करें। जिलाधिकारी क्षेत्र में लोगों से बात करें और पिछले वर्षों में आपदा की स्थिति में किए गए कार्यों को ध्यान में रखते हुए आपदा से निपटने हेतु कार्ययोजना बनाएं। भू-जलस्तर पर नजर रखें और पेयजल का इंतजाम रखें। हर घर नल का जल योजना के तहत लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है, इसे पूरी तरह मेंटेन रखें। जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत जल संरक्षण को लेकर कार्य किए जा रहे हैं, इसकी सतत निगरानी करें और इसे बेहतर ढंग से क्रियान्वित करें।

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