नई दिल्ली: चीन ने एक बार फिर से अपने केंद्रीय बैंक, पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना (PBOC), के माध्यम से सोने की खरीदारी शुरू कर दी है। यह निर्णय पिछले कुछ महीनों की स्थगन के बाद लिया गया है, और इसका वैश्विक अर्थव्यवस्था पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है, विशेष रूप से भारत पर।
चीन ने क्यों शुरू किया सोने की खरीदारी?
चीन का सोना खरीदने का यह निर्णय कई कारणों से जुड़ा हुआ है। सबसे पहला कारण अमेरिकी-चीन व्यापार संबंधों से संबंधित है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीन से आयातित सामान पर टैरिफ बढ़ाने की योजना ने चीनी कंपनियों को अधिक लागत का सामना करवा सकता है। चीन इसे सोने के भंडारण के माध्यम से कवर करने की कोशिश कर रहा है।
दूसरा महत्वपूर्ण कारण मिडिल ईस्ट में बढ़ते तनाव हैं, विशेष रूप से सीरिया में, जो वैश्विक राजनीतिक अस्थिरता को बढ़ा रहे हैं। इससे डॉलर की कीमत में तेजी आ सकती है, और चीन इसे सोने का उपयोग करके कम करने की कोशिश कर सकता है। चीन का लक्ष्य डॉलर पर अपनी निर्भरता को कम करना है, और इसके लिए वह गोल्ड रिजर्व बढ़ा रहा है।
क्या पड़ेगा असर?
चीन की इस खरीदारी का असर वैश्विक सोने की कीमतों पर साफ देखा जा सकता है। 2023 में जब चीन ने बड़ी मात्रा में सोने की खरीदारी की थी, तो सोने की कीमतों में अचानक उछाल देखा गया था। हालाँकि, ट्रंप की चुनावी जीत के बाद डॉलर की मजबूती के कारण सोने की कीमत में गिरावट आई थी। अब जब चीन ने सोने की खरीदारी फिर से शुरू की है, तो इससे सोने की कीमतों में वृद्धि हो सकती है।
इस समय भारत में भी सोने की कीमतें बढ़ सकती हैं। शनिवार सुबह MCX पर सोने का भाव 76,650 रुपये प्रति 10 ग्राम था, और चीन की खरीदारी के कारण इसमें और वृद्धि हो सकती है।
भारत पर प्रभाव
चीन की सोने की खरीदारी का भारत पर दोहरी असर हो सकता है। जहां एक ओर भारतीय निवेशक और व्यापारी सोने की बढ़ती कीमतों से प्रभावित हो सकते हैं, वहीं दूसरी ओर भारत को चीन के साथ व्यापार और विदेशी मुद्रा के लेन-देन में सोने का इस्तेमाल करने के कारण थोड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है।