नई दिल्ली। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर भक्तों के लिए शीतकाल का आगमन हो गया है। रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बाबा केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस वर्ष चार धाम यात्रा बंद हो जाएगी। इस शीत ऋतु में अब भक्तों को अगले वर्ष का इंतजार रहेगा, जब दोबारा कपाट खुलेंगे। मंदिर के कपाट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल के लिए रवाना हो गई है।
केदारनाथ धाम के कपाट बंद
केदारनाथ धाम के कपाट आज सुबह 8.30 बजे बंद कर दिए गए। कपाट बंद होने की प्रक्रिया सुबह 4 बजे से ही शुरू हो गई थी। इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधि देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद कर दिए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदारनाथ की चल उत्सव विग्रह डोली अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना हो गई।
शीतकालीन यात्रा की नई शुरुआत
कपाट बंद होने के बाद बाबा केदारनाथ की डोली सेना के बैंड की धुनों के साथ गद्दीस्थल के लिए रवाना हुई। यात्रा का पहला पड़ाव रामपुर है, जहां आज रात बाबा की डोली विश्राम करेगी। इसके बाद डोली गुप्तकाशी और फिर ओंकारेश्वर मंदिर पहुंचेगी। यहां बाबा केदारनाथ की छह माह की पूजा पूरी होगी, जिससे भक्तों को शीतकाल में दर्शन का अवसर मिलेगा।
मां गंगा के दर्शन के लिए नया स्थान
केदारनाथ के कपाट बंद होने के बाद अन्नकूट पर्व पर गंगोत्री धाम के कपाट भी बंद कर दिए गए। मां गंगा की उत्सव डोली अब मुखबा स्थित गंगा मंदिर में विराजमान होगी। शीतकाल में श्रद्धालु यहां गंगा मां के दर्शन कर सकेंगे। धाम में कपाट बंद होने से पहले अंतिम दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़े थे।
क्यों बंद हुए केदारनाथ मंदिर के कपाट
केदारनाथ धाम और चारों धाम काफी ऊंचाई पर स्थित हैं, जहां ठंड अपने चरम पर होती है। सर्दियों में यहां भारी बर्फबारी होती है, जिससे सड़कें दुर्गम हो जाती हैं। ऐसे में प्रशासन और पंडित समुदाय इस दौरान धामों के कपाट बंद कर देते हैं। इस दौरान गद्दी स्थल पर पूजा-अर्चना की जाती है, ताकि श्रद्धालुओं को सर्दियों में भी आस्था से जुड़े रहने का अवसर मिले।
इस साल छोटी रही चार धाम यात्रा
इस साल चार धाम यात्रा पिछले सालों की तुलना में छोटी रही। केदारनाथ और गंगोत्री धाम की यात्रा करीब 30 दिन कम रही, लेकिन इसके बावजूद तीर्थयात्रियों का उत्साह बरकरार रहा। इस साल अब तक चारों धामों में 44 लाख से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं, जिसमें सबसे ज्यादा संख्या बाबा केदारनाथ के दर्शन के लिए दर्ज की गई।