लखनऊ: उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों पर मतगणना सुबह आठ बजे से शुरू हो गई है। यूपी की 80 सीटों पर आने शुरु हुए रूझान शुरू आती रूझान में NDA ने बढ़त बनााए हुए है। 41 सीट पर NDA प्रत्याशी आगे चल रहे हैं जबिक 17 सीट पर इंडियाग गठबंधन आगे चल रहा है।
यूपी की इन सीटों पर सभी की निगाहें
1- वाराणसी लोकसभा सीट:- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी से तीसरी बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे है। प्रधानमंत्री मोदी 2014 और 2019 का चुनाव वाराणसी से जीत चुके हैं। इस बार उनके खिलाफ छह उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। इससे पहले 2014 के चुनाव में उनके खिलाफ 41 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे थे। वहीं 2019 के चुनाव में 26 उम्मीदवारों ने चुनाव मैदान में उन्हें चुनौती दी थी। इस बार प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों में कांग्रेस के अजय राय और बसपा के अतहर जमाल लारी प्रमुख हैं।
2- रायबरेली लोकसभा सीट:- रायबरेली कांग्रेस का गढ़ रहा है आजादी के बाद से हुए लोकसभा चुनावों में कांग्रेस केवल तीन बार ही इस सीट पर हारी है। पिछले तीन बार से सोनिया गांधी इस सीट से जीत रही थीं, लेकिन उनकी जीत का फासला लगातार कम होता गया अगर पिछले तीन चुनावों की बात करें तो 2009 में वो 3.72 लाख, 2014 में 3.52 लाख और 2019 में वो 1.67 लाख वोट से ही जीतीं थीं इस बार राहुल गांधी मैदान में है।
3- कन्नौज लोकसभा सीट:- कन्नौज लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव चुनाव लड़ रहे हैं, वहीं बीजेपी की ओर से सुब्रत पाठक मैदान में हैं वहीं बीएसपी ने इमरान बिन जफर को टिकट दिया है. इस बार कन्नौज से 15 उम्मीदवार मैदान में हैं। 2019 में बीजेपी ने भेद दिया था सपा का किला 2019 लोकसभा चुनाव में कन्नौज सीट से बीजेपी के उम्मीदवार सुब्रत पाठक ने समाजवादी पार्टी की डिंपल यादव को हरा दिया था. जहां बीजेपी प्रत्याशी को 5,63,087 वोट मिले थे, वहीं डिंपल यादव 5,50,734 वोटों के साथ दूसरे नंबर पर रहीं. इस चुनाव में कन्नौज लोकसभा सीट पर करीब 60 फीसदी मतदान हुआ था।
4- अमेठी लोकसभा सीट:- अमेठी लोकसभा सीट हाई-प्रोफाइल सीट बनी हुई है. यहां से भाजपा ने तीसरी बार स्मृति ईरानी को चुनावी मैदान में उतारा है। कांग्रेस ने इस सीट को भाजपा से वापस लेने के लिए गांधी परिवार के करीबी केएल शर्मा को स्मृति ईरानी के सामने खड़ा किया है। साल 2014 लोकसभा चुनावों में अमेठी लोकसभा सीट हारने के बाद भी स्मृति ईरानी ने अमेठी नहीं छोड़ा। बताया जाता है कि स्मृति ईरानी हारने के बाद भी अमेठी में डटी और जुटी रहीं. वह लगातार अमेठी की जनता से संवाद करती रहीं और अमेठी में अपनी पैठ को मजबूत करती रहीं. कहा जाता है कि उसी का असर था कि स्मृति ईरानी ने साल 2019 लोकसभा चुनाव में अमेठी से राहुल गांधी को हरा दिया।
5- मैनपुरी लोकसभा सीट:- सपा से डिंपल यादव, बीजेपी से जयवीर सिंह और बसपा से शिव प्रसाद यादव प्रत्याशी हैं। 2022 उपचुनाव में यहां डिंपल यादव ने चुनाव जीता था। 2014 के आम चुनाव में यहां SP के मुलायम सिंह यादव ने जीत दर्ज की थी, लेकिन आज़मगढ़ से भी जीतने की वजह से उन्होंने मैनपुरी से इस्तीफा दे दिया था, और उसी वर्ष हुए उपचुनाव में सपा के तेजप्रताप सिंह यादव ने जीत दर्ज की थी, जिन्हें 6,53,686 वोट मिले थे, बीजेपी उम्मीदवार प्रेम सिंह 3,32,537 वोटों के साथ दूसरे नंबर पर रहे थे।
6–मथुरा लोकसभा सीट:- मथुरा से भाजपा ने हेमा मालिनी उम्मीदवार है। कांग्रेस ने मुकेश धनगर और बसपा ने सुरेश सिंह को उम्मीदवार बनाया है। पिछले दो लोकसभा चुनाव से यहां भाजपा की हेमा मालिनी सांसद हैं। इसके पहले साल 2009 में जब जयंत चौधरी यहां से सांसद बने थे, हेमा मालिनी ने 2,93,471 वोटों से नरेंद्र सिंह को हराया। हेमा को 60.88 पर्सेंट वोट मिले, उन्हें कुल 6,71,293 वोट मिले थे। तीसरे नंबर पर कांग्रेस के महेश पाठक रहे। उन्हें महज 28,084 वोट मिले।
7- लखनऊ लोकसभा सीट:– लखनऊ लोकसभा सीट से भाजपा ने राजनाथ सिंह को उम्मीदवार बनाया है, जबिक सपा ने रविदास मेहरोत्रा को मैदान में उतारा है लखनऊ विश्वविद्यालय से राजनीति की शुरुआत करने वाले मेहरोत्रा सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के करीबी लोगों में से हैं।
8 गाजीपुर लोकसभा सीट:- गाजीपुर लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार अफजाल अंसारी हैं, जो मुख्तार अंसारी के भाई वहीं, बीजेपी की तरफ से पारसनाथ राय चुनावी मैदान में है पिछले चुनाव (2019) में अफजाल अंसारी गाजीपुर सीट पर बीजेपी के मनोज सिन्हा को हराकर चुनाव जीते थे तब अफजाल बसपा के टिकट पर लड़े थे, लेकिन इस बार वह समाजवादी पार्टी से उम्मीदर हैं।
9 – इकरा हसन- कैराना लोकसभा सीट
10- धर्मेंद्र यादव- आजमगढ़ लोकसभा सीट
11- रवि किशन- गोरखपुर लोकसभा सीट
12- चंद्रशेखर आजाद- नगीना लोकसभा सीट