उत्तरकाशी। प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे फीस देते रहे पर क्लर्क यह कहती रही कि बच्चों ने फीस ही जमा नहीं की…इस बात की जब तहकीकात की गई तो करीब 1.09 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी सामने आई।
मामला उत्तरकाशी स्थित एक स्कूल का है स्कूल प्रबंधक डॉ. जया पटेल ने स्कूल की क्लर्क अनुराधा और उसके रिश्तेदारों पर आरोप लगाया था कि उन्होंने फर्जी फीस रसीद तैयार कर 1.09 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है।
इस मामले में एसपी अमित श्रीवास्तव ने पुलिस अफसरों को निष्पक्ष जांच के आदेश दिए थे। कोतवाली प्रभारी अमरजीत सिंह की टीम ने फीस रसीदों, रजिस्टरों, बैंक स्टेटमेंट, अभिभावकों व बच्चों के बयान दर्ज कर साक्ष्य जुटाए। जिसके बाद अनुराधा को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं, अन्य लोगों की भूमिका की जांच की जा रही है।
तहरीर में स्कूल प्रबंधक ने बताया, लेखा प्रभारी अनुराधा ने फर्जी फीस रसीद तैयार कर अभिभावकों से तो फीस ले ली, लेकिन स्कूल प्रबंधन को बताया कि अभिभावकों ने फीस नहीं दी है।
उन्होंने फीस जमा करने के लिए समय मांगा है, लेकिन जब लगातार कुछ छात्रों की फीस बकाया होने लगी तो प्रधानाचार्य ने बच्चों के अभिभावकों से संपर्क किया, जिससे धोखाधड़ी का खुलासा हुआ। देहरादून की एक चार्टेड एकाउंटेंट फर्म से स्कूल की बैलेंस सीट तैयार कराने पर इस मामले का खुलासा हो गया। क्लर्क पर वर्ष 2017 से 2024 तक बच्चों की फीस की धनराशि के गबन का आरोप है।