आपने बिल्कुल सही सुना है! 2 अक्टूबर, 2024 को एक अद्भुत खगोलीय घटना होने जा रही है – सदी का सबसे बड़ा वलयाकार सूर्य ग्रहण। यह एक ऐसा खगोलीय नज़ारा है जिसे हर कोई देखना चाहता है।
वलयाकार सूर्य ग्रहण क्या होता है?
जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच से गुजरता है, तो सूर्य का पूरा भाग चंद्रमा से ढक नहीं पाता। इस स्थिति में सूर्य एक चमकदार वलय के रूप में दिखाई देता है, जिसे वलयाकार सूर्य ग्रहण कहते हैं।
2 अक्टूबर का ग्रहण क्यों खास है?
यह ग्रहण इसलिए खास है क्योंकि यह सदी का सबसे बड़ा वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा। यानी, सूर्य का सबसे बड़ा हिस्सा चंद्रमा से ढका हुआ दिखाई देगा।
ग्रहण का समय और सूतक काल
ग्रहण का समय और सूतक काल अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग होगा। सटीक समय जानने के लिए आपको अपने स्थान के अनुसार खगोलीय कैलेंडर या समाचारों को देखना चाहिए।
सूतक काल क्या होता है?
सूतक काल ग्रहण से पहले का एक समय होता है, जिसमें कुछ धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कुछ विशेष सावधानियां बरतनी होती हैं।
ग्रहण देखने के लिए क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
- सीधे सूर्य को न देखें: सूर्य ग्रहण को सीधे आंखों से देखना बहुत ही खतरनाक हो सकता है। इससे आंखों को स्थायी नुकसान हो सकता है।
- विशेष चश्मे का उपयोग करें: सूर्य ग्रहण को देखने के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए चश्मे का उपयोग करें।
- टेलीस्कोप का उपयोग न करें: टेलीस्कोप के माध्यम से सूर्य ग्रहण को देखना और भी खतरनाक हो सकता है।
- खुले आसमान में देखें: ग्रहण को खुले आसमान में देखें, ताकि आप स्पष्ट रूप से देख सकें।
कहां देखें ग्रहण?
यह ग्रहण भारत के कई हिस्सों में देखा जा सकेगा। आप अपने शहर के खगोलीय क्लब या विज्ञान केंद्र से संपर्क करके ग्रहण देखने के लिए आयोजित होने वाले कार्यक्रमों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।