लखनऊ: आईएफएस निहारिका सिंह और उनके पति ने डॉक्टर दंपती को मोटे मुनाफे का लालच देकर और अपनी कंपनी में निवेश कराकर 1,86,89,310 रुपये ठग लिए। विशालखंड-2 निवासी डॉक्टर दंपती ने गोमतीनगर थाने में दो रिपोर्ट दर्ज कराई हैं। इंस्पेक्टर राजेश त्रिपाठी ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।
गोमतीनगर के विशालखंड निवासी डॉ. शैलेश अग्रवाल और उनकी पत्नी मृदुला अग्रवाल का निजी क्लीनिक है। दोनों ने बताया कि वे आईएफएस अधिकारी निहारिका सिंह को वर्ष 2016 से जानते थे। वह अपनी बेटी अनी को दिखाने क्लीनिक आती थीं। इस दौरान निहारिका ने अनी बुलियन ट्रेडर्स और आई विजन इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दोनों संस्थाओं के सीएमडी उनके पति अजीत गुप्ता हैं। वर्ष 2010 से वह 7 से 8 कंपनियां चला रहे हैं। उनकी कंपनी में निवेश करने से मोटा मुनाफा होगा।
डॉक्टर दंपती ने बताया कि निहारिका जब भी क्लीनिक पर आती थी तो निवेश करने की बात जरूर करती थी। उसकी बातों में आकर डॉ. शैलेश ने कई किस्तों में अनी बुलियन ट्रेडर्स में 1,22,26060 रुपये और डॉ. मृदुला ने 64,63,250 रुपये निवेश कर दिए। वर्ष 2019 में पता चला कि निवेशकों का पैसा आई विजन इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड में निवेश किया गया है।
इसी बीच अजीत को पीजीआई पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। संपर्क करने पर निहारिका ने कहा कि अजीत के जेल से बाहर आने पर वह ब्याज समेत पैसा लौटा देगी। डॉक्टर दंपती ने बताया कि धोखाधड़ी की शिकायत करने पर गोमतीनगर थाने ने मदद नहीं की। डीजीपी कार्यालय से पत्राचार करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद कोर्ट में अर्जी दी। सुनवाई के बाद कोर्ट ने रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश दिए।