नई दिल्ली: दुनिया की सबसे पुरानी, सबसे बड़ी और सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन की कीमत हाल में 106,000 डॉलर पहुंच गई थी। पिछले कुछ साल में इसकी कीमत में काफी उछाल देखने को मिली है। अगर किसी के पास आज एक बिटकॉइन है तो वह करीब 80 लाख रुपये का मालिक है। लेकिन एक ऐसा भी शख्स है जिसके पास आज से 14 साल पहले 10,000 बिटकॉइन थे और उसने दो पिज्जा खरीदने के लिए इसका भुगतान कर दिया। अगर उसके पास इतनी बिटकॉइन होती तो उसकी वैल्यू 8,000 करोड़ रुपये होती। यानी वह बिलिनेयर होता। आज उसे जरूर अपनी इस हरकत पर पछतावा हो रहा होगा।
बिटकॉइन के पेमेंट का पहला डॉक्यूमेंटेड रिकॉर्ड Laszlo Hanyecz के नाम दर्ज है। साल 2010 में उन्होंने 10,000 बिटकॉइन का भुगतान करके दो डोमिनो पिज्जा मंगाए थे। Laszlo पेशे से प्रोग्रामर थे और बिटकॉइन के शुरुआती चहेतों में शामिल थे। 17 मई, 2010 को उन्होंने बिटकॉइन से पिज्जा खरीदने की रिक्वेस्ट डाली और 22 मई को 10,000 बिटकॉइन देकर दो पिज्जा खरीदे। इस समय उनके पास मौजूद बिटकॉइन की कीमत $41 थी। इस घटना के कारण 22 मई को बिटकॉइन पिज्जा डे के रूप में मनाया जाता है। इस दिन दुनियाभर में बिटकॉइन यूजर्स को पिज्जा की खरीद पर छूट दी जाती है।
कैसे बढ़ी कीमत
बिटकॉइन की कीमत 17 दिसंबर को रेकॉर्ड पर पहुंच गई थी लेकिन उसके बाद इसमें करीब 13% गिरावट आई है। बिटकॉइन की शुरुआत साल 2009 में एलियस सतोशी नाम के शख्स ने की थी। यह दुनिया की पहली डिसेंट्रलाइज्ड करेंसी थी। 2009 में जब बिटकॉइन लॉन्च हुई थी तो इसकी कीमत 0.060 रुपये थी। इसकी कीमत में पहली बार तेजी साल 2010 में आई थी जब इसकी कीमत 0.0008 डॉलर से बढ़कर 0.08 डॉलर पहुंची थी। इसके बाद अप्रैल 2011 में इसकी कीमत एक डॉलर और जून में बढ़कर 32 डॉलर हो गई। बिटकॉइन के लिए साल 2013 बेहद निर्णायक रहा। तब दो बार इसकी कीमत में भारी उछाल आई।
अप्रैल 2013 में इसका भाव 220 डॉलर पर पहुंच गया। बिटकॉइन की कीमतों में बड़ा उछाल 2017 में आया। जून 2019 में इसका भाव 10 हजार डॉलर के पास था। वहीं, जनवरी 2021 में इसने और अक्टूबर में 66 हजार डॉलर तक पहुंच गई। जानकारों का कहना है कि बिटकॉइन ने दुनिया की सोच बदल दी है। वे अब सोने के बजाय बिटकॉइन को बेहतर विकल्प मानते हैं। अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद बिटकॉइन में तेजी आई है। ट्रंप ने अमेरिका को दुनिया की क्रिप्टो कैपिटल बनाने का वादा किया है।