आजकल लोग महंगे और विदेशी खाद्य पदार्थों का सेवन कर रहे हैं, लेकिन बावजूद इसके उनकी सेहत लगातार बिगड़ती जा रही है। थकान, कमजोरी, हड्डियों में कमजोरी, खून की कमी जैसी समस्याएं अब आम हो गई हैं। डायबिटीज, मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट डिजीज, कोलेस्ट्रॉल और आर्थराइटिस जैसी बीमारियां बढ़ रही हैं। दिलचस्प बात यह है कि लोग इन समस्याओं के कारण खानपान को जिम्मेदार नहीं मानते, जबकि इन समस्याओं का सीधा संबंध उनके खाने की आदतों से है।
आजकल के लोगों में बुढ़ापे के लक्षण 30 साल की उम्र के आसपास ही नजर आने लगते हैं। थोड़ी सी मेहनत करने पर शरीर थक जाता है, यौन कमजोरी का सामना करना पड़ता है। क्या आपने कभी सोचा है कि इसके पीछे का कारण क्या है? इसका मुख्य कारण है गलत खानपान और अस्वस्थ आहार।
आजकल लोग शुगर, मैदा, तेल, नमक, और प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन अधिक मात्रा में कर रहे हैं, जो धीरे-धीरे शरीर को अंदर से नुकसान पहुँचा रहे हैं। चलिए जानते हैं उन फूड्स के बारे में जो आपके स्वास्थ्य को नुकसान पहुँचा सकते हैं:
ट्रांस फैट और आर्टिफिशियल स्वीटनर
केक, पेस्ट्री, कूकीज, बिस्कुट, आइसक्रीम, बर्गर और ब्रेड जैसी चीजों में ट्रांस फैट पाया जाता है। ये खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को बढ़ाते हैं और अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL) को कम करते हैं। इनसे हार्ट डिजीज, सूजन और टाइप 2 डायबिटीज का खतरा होता है। आर्टिफिशियल स्वीटनर का आंतों पर प्रभाव पड़ता है। इससे वजन बढ़ने और कुछ तरह के कैंसर का जोखिम होता है।
रिफाइंड अनाज और डीप फ्राइड फूड्स
आजकल मैदा का इस्तेमाल बहुत ज्यादा किया जाता है। सफेद ब्रेड, पेस्ट्री और पास्ता, समोसे जैसी चीजें मैदा से बनती हैं। इनमें कोई पोषक तत्व और फाइबर नहीं होते हैं। ये ब्लड शुगर बढ़ाने और दिल के लिए खतरनाक होती हैं। इनके अत्यधिक सेवन से इंसुलिन रेसिस्टेंट, वजन बढ़ना और मेटाबॉलिक सिंड्रोम हो सकता है। फ्रेंच फ्राइज, फ्राइड चिकन और अन्य तले हुए खाद्य पदार्थ ट्रांस फैट्स और एक्रिलामाइड उत्पन्न कर सकते हैं। इनके नियमित सेवन से हार्ट डिजीज, मोटापा और कुछ प्रकार के कैंसर का खतरा बढ़ता है।
प्रोसेस्ड मीट
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन (ref) के अनुसार, बेकन, सॉसेज, हॉट डॉग और डेली मीट जैसी चीजों को लम्बे समय तक चलाने के लिए इनमें नाइट्रेट्स और नाइट्राइट्स का इस्तेमाल किया जाता है। इन चीजों को उच्च तापमान पर पकाने पर कैंसरजनक यौगिक बना सकते हैं। इनका नियमित सेवन कोलोरेक्टल कैंसर, हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट डिजीज का खतरा होता है।
मीठे पेय पदार्थ
सोडा, एनर्जी ड्रिंक और मीठे जूस जैसे पेय पदार्थ रिफाइंड शुगर से भरे होते हैं। ये ब्लड शुगर बढ़ाने, वजन बढ़ाने और टाइप 2 डायबिटीज के जोखिम को बढ़ाते हैं। इन चीजों का अधिक सेवन मोटापा, फैटी लिवर और हार्ट डिजीज जैसी समस्याओं से जुड़ा होता है।
अत्यधिक शराब और बीपीए वाले डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ
अत्यधिक मात्रा में शराब का सेवन लिवर, हार्ट और ब्रेन को नुकसान पहुंचाता है। लगातार भारी शराब पीने से लिवर डिजीज, कैंसर और नर्वस सिस्टम डैमेज हो सकता है। कई डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ बीपीए से बने होते हैं, एक रसायन जो भोजन में घुल सकता है और आंतों को प्रभावित कर सकता है। इससे हार्मोनल असंतुलन, बांझपन और कैंसर का खतरा होता है।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।