टेलिकॉम कंपनी एयरटेल ने हाल ही में अपने एआई-आधारित स्पैम फाइटिंग सॉल्यूशन के जरिए स्पैम कॉल और मैसेज को पहचानने और उन्हें ब्लॉक करने की प्रक्रिया शुरू की थी। इस सॉल्यूशन के लॉन्च के बाद से अब तक करीब 8 अरब स्पैम कॉल्स और 0.8 अरब स्पैम SMS की पहचान की गई है। एयरटेल का यह एडवांस्ड एल्गोरिदम हर दिन लगभग 10 लाख स्पैम को पहचानने में सक्षम है।
लैंडलाइन से किया जा रहा स्पैम कॉल
एयरटेल ने 25.2 करोड़ यूनिक कस्टमर्स को स्पैम कॉल्स से अलर्ट किया और रिपोर्ट के अनुसार, स्पैम कॉल्स पर प्रतिक्रिया देने की संख्या में 12% की गिरावट आई है। एयरटेल नेटवर्क की कुल कॉल्स में से 6% स्पैम कॉल्स थीं, जबकि कुल SMS में से 2% स्पैम थे। हालांकि, यह समझा जाता है कि स्पैम कॉल्स ज्यादातर मोबाइल फोन से होती हैं, लेकिन रिपोर्ट के मुताबिक, 35% स्पैम कॉल्स लैंडलाइन टेलीफोन से की गई हैं।
दिल्ली में सबसे ज्यादा स्पैम कॉल
दिल्ली के एयरटेल यूजर्स को सबसे ज्यादा स्पैम कॉल का सामना करना पड़ा है। इसके बाद आंध्र प्रदेश और पश्चिमी उत्तर प्रदेश का नंबर आता है। सबसे ज्यादा स्पैम कॉल दिल्ली से की गईं, इसके बाद मुंबई और कर्नाटक का स्थान आता है। गुजरात से सबसे अधिक स्पैम मैसेज भेजे गए हैं, जबकि कोलकाता और उत्तर प्रदेश से भी स्पैम कॉल्स की गईं। मुंबई, चेन्नई और गुजरात के यूजर्स को सबसे ज्यादा स्पैम मैसेज मिले हैं।
किसे बनाया गया निशाना?
रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि 76% स्पैम कॉल्स पुरुषों को निशाना बनाती हैं। उम्र के हिसाब से देखा जाए तो 36 से 60 साल के ग्राहकों को 48% स्पैम कॉल्स प्राप्त हुई हैं, जबकि 26 से 35 साल के ग्राहकों को 26% कॉल्स आईं। बुजुर्गों को केवल 8% स्पैम कॉल्स आईं, जिसका कारण यह है कि ज्यादातर बुजुर्गों के पास स्मार्टफोन और इंटरनेट कनेक्शन की कमी होती है।
स्पैम कॉल्स कब आती हैं?
स्पैम कॉल्स की शुरुआत सुबह 9 बजे से होती है, और सबसे ज्यादा स्पैम कॉल्स दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच की जाती हैं। रविवार को स्पैम कॉल्स की संख्या में लगभग 40% की कमी देखी गई है। रिपोर्ट के अनुसार, 15,000 से 20,000 रुपये की कीमत वाले डिवाइस पर करीब 22% स्पैम कॉल्स आईं हैं।
यह रिपोर्ट स्पैम कॉल्स और मैसेज से निपटने के लिए एयरटेल के प्रयासों को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करती है, और यह दर्शाती है कि ग्राहकों को सुरक्षा और जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है।