उत्तर प्रदेश के संभल में हाल ही में हुई हिंसा के बाद प्रशासन ने सुरक्षा उपायों को कड़ा कर दिया है। संभल के जिलाधिकारी, डॉ. राजेंद्र पेंसिया ने बीएनएसएस (बीएनएसएस) की धारा 166 लागू करने का आदेश दिया है, जिसके तहत 10 दिसंबर तक शहर में पांच या उससे अधिक लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध रहेगा। यह कदम मस्जिद सर्वे के दौरान भड़की हिंसा के बाद लिया गया है।
संभल में इंटरनेट सेवाएं बहाल, स्थिति नियंत्रण में
संभल में मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा भड़क उठी थी, जिसके बाद प्रशासन ने इलाके में तनाव की स्थिति को देखते हुए इंटरनेट सेवाओं को अस्थायी रूप से बंद कर दिया था। हालांकि, पांच दिनों के बाद शुक्रवार को इंटरनेट सेवाएं बहाल कर दी गईं। प्रशासन ने शहर के विभिन्न हिस्सों में शांति बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल और CRPF की टुकड़ियां तैनात की हैं।
जुमे की नमाज में कड़ी सुरक्षा, संभल में छावनी जैसी स्थिति
संभल की जमा मस्जिद में जुम्मे की नमाज शांति से अदा की गई, लेकिन इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा किया गया। पूरे शहर को छावनी में तब्दील कर दिया गया था और पुलिस ने हर सड़क और नुक्कड़ पर कड़ा पहरा बैठाया था। जुम्मे की नमाज के समय किसी भी प्रकार की अव्यवस्था से बचने के लिए सुरक्षा बलों को तैनात किया गया था।
सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई, शांति बहाली का निर्देश
संभल मस्जिद विवाद को लेकर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से शांति बनाए रखने और सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए जरूरी कदम उठाने का निर्देश दिया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि वह किसी भी प्रकार की हिंसा और उत्पात के खिलाफ है। साथ ही, कोर्ट ने कहा कि विवाद से उत्पन्न तनाव को जल्द सुलझाने की आवश्यकता है।
मस्जिद सर्वे और हिंसा का कारण
संभल की जामा मस्जिद को लेकर हिंदू पक्ष का दावा है कि यह स्थान पहले हरिहर मंदिर था। इस विवाद के बाद कोर्ट ने मस्जिद का सर्वे करवाने का आदेश दिया था। जब सर्वे टीम मस्जिद में पहुंची, तो वहां हिंसा भड़क उठी। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि सर्वे रिपोर्ट को फिलहाल सार्वजनिक न किया जाए और इसे सील बंद लिफाफे में रखा जाए। साथ ही, मुस्लिम पक्ष को यह अवसर भी दिया गया कि वह निचली अदालत के आदेश को उच्च अदालत में चुनौती दे सकते हैं।
संभल में स्थिति अब भी तनावपूर्ण बनी हुई है, लेकिन प्रशासन पूरी तरह से शांति बनाए रखने के लिए प्रयासरत है।