चालू वित्त वर्ष के पहले सात महीनों में गोल्ड लोन में 50% से अधिक की वृद्धि देखी गई है। इस वृद्धि ने कई विश्लेषकों को चिंता में डाल दिया है, जो इसे वित्तीय संकट के संकेत के रूप में देख रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर पर्सनल लोन के अन्य सेगमेंट्स में क्रेडिट ग्रोथ 10% से कम रही है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि लोग अब सुरक्षित लोन विकल्प के रूप में गोल्ड लोन का अधिक रुझान दिखा रहे हैं।
गोल्ड लोन में 50.4% की वृद्धि
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, गोल्ड लोन में भारी बढ़ोतरी देखने को मिली है। 18 अक्टूबर, 2024 तक, बैंकों द्वारा सोने के आभूषणों के बदले दिए गए लोन की कुल राशि 1,54,282 करोड़ रुपये तक पहुंच गई, जबकि मार्च 2024 में यह राशि 1,02,562 करोड़ रुपये थी। इस आंकड़े के आधार पर, सालाना आधार पर गोल्ड लोन में 56% की बढ़ोतरी हुई है, जो अक्टूबर 2023 में केवल 13% थी।
सुरक्षित ऋण का विकल्प
बैंकरों के अनुसार, गोल्ड लोन की इस वृद्धि के कई कारण हो सकते हैं। इनमें NBFC (नॉन-बैंकिंग फाइनेंसियल कंपनियां) से बदलाव और असुरक्षित ऋणों की तुलना में सुरक्षित गोल्ड लोन को प्राथमिकता देना शामिल है। इस अवधि में NBFC को बैंक लोन में 0.7% की गिरावट आई है, जो गोल्ड लोन की बढ़ोतरी को एक संकेत के रूप में देखा जा रहा है। इसके अलावा, गोल्ड की कीमतों में हुई वृद्धि ने भी उधारकर्ताओं को पुराने ऋण चुकाने और नए ऋण प्राप्त करने का मौका दिया है।
वित्तीय संकट का संकेत
कई विश्लेषक गोल्ड लोन की बढ़ती मांग को वित्तीय संकट के संकेत के रूप में देख रहे हैं। इससे यह प्रतीत होता है कि लोग अधिक वित्तीय संकट का सामना कर रहे हैं और इसलिए सोने को गिरवी रखकर नकद जुटाने की कोशिश कर रहे हैं। इसके अलावा, RBI ने हाल ही में बैंकों और वित्त कंपनियों को गोल्ड लोन नीतियों की समीक्षा करने का निर्देश दिया था। समीक्षा के दौरान कुछ अनियमित प्रथाओं का भी पता चला था, जैसे कि एवरग्रीनिंग, जिसके माध्यम से खराब ऋणों को छुपाया जाता है।
पर्सनल लोन सेगमेंट की स्थिति
जबकि गोल्ड लोन में वृद्धि हो रही है, पर्सनल लोन के अन्य सेगमेंट्स में वृद्धि धीमी रही है। उदाहरण के लिए, होम लोन में साल-दर-साल 5.6% की वृद्धि हुई है और अब यह 28.7 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। क्रेडिट कार्ड बकाए में 9.2% की बढ़ोतरी हुई है, जो इस अवधि के दौरान ऑनलाइन लेनदेन के बढ़ने के कारण है। हालांकि, असुरक्षित ऋणों, जैसे कि व्यक्तिगत लोन में केवल 3.3% की वृद्धि हुई, जो दर्शाता है कि लोग अब जोखिम भरे लोन विकल्पों से बच रहे हैं।
कुल मिलाकर, बैंक क्रेडिट में 4.9% की वृद्धि हुई है, लेकिन उद्योग को दिए गए ऋण में केवल 3.3% की बढ़ोतरी देखी गई है। इस प्रकार, गोल्ड लोन का बढ़ता चलन एक संकेत हो सकता है कि लोग भविष्य में संभावित वित्तीय संकट के लिए तैयार हो रहे हैं और अधिक सुरक्षित लोन विकल्पों की ओर रुख कर रहे हैं।