भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति कमेटी (MPC) की अगली बैठक 4 से 6 दिसंबर 2024 के बीच होने जा रही है, और यह बैठक कई मायनों में अहम साबित हो सकती है। इस बैठक में केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में ब्याज दरों को लेकर कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है, जिसका असर आपके लोन की ईएमआई (EMI) पर पड़ सकता है।
क्या रहेगा फैसले का असर?
पिछले कुछ महीनों में, महंगाई के आंकड़े और जीडीपी के आंकड़े लगातार सुर्खियों में रहे हैं। सरकार की ओर से हाल ही में जारी किए गए जीडीपी आंकड़ों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष के दौरान जुलाई-सितंबर तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर 5.4 प्रतिशत रही, जो पिछले कुछ समय से चली आ रही गिरावट को दर्शाती है। इस स्थिति में विशेषज्ञों का अनुमान था कि रिजर्व बैंक इस बार ब्याज दरों में कमी कर सकता है, ताकि आर्थिक विकास को बढ़ावा दिया जा सके।
हालांकि, खुदरा महंगाई दर (Retail Inflation) का आंकड़ा 6% से अधिक होने के कारण विशेषज्ञों का मानना है कि इस बैठक में रेपो दर में कोई कटौती संभव नहीं है।
रेपो रेट में बदलाव की संभावना कितनी है?
आरबीआई ने फरवरी 2023 में रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट का इजाफा कर इसे 6.5 प्रतिशत तक पहुंचाया था, और उसके बाद से इस दर में कोई बदलाव नहीं हुआ है। इस समय तक 10 बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन कोई भी निर्णय रेपो रेट को घटाने या बढ़ाने को लेकर नहीं लिया गया।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार भी रेपो रेट में कटौती की संभावना कम ही है। महंगाई की स्थिति और जीडीपी वृद्धि दर में गिरावट के बावजूद, रिजर्व बैंक का प्राथमिक उद्देश्य महंगाई को नियंत्रित करना है। इसलिए, वर्तमान समय में ब्याज दरों में कटौती करना जोखिम भरा हो सकता है।
क्या होगा आगे?
रिजर्व बैंक की आगामी बैठक में, जहां विशेषज्ञों का अनुमान है कि रेपो दर में कोई बदलाव नहीं होगा, वहीं यह भी हो सकता है कि रिजर्व बैंक अपनी ग्रोथ और महंगाई को लेकर अपने अनुमान को अपडेट करे। बीते कुछ समय में महंगाई दर की ऊंचाई और जीडीपी वृद्धि दर में कमी ने रिजर्व बैंक को और अधिक सतर्क बना दिया है।
क्या असर होगा आपकी ईएमआई पर?
अगर एमपीसी ब्याज दरों में कोई कटौती नहीं करता है, तो इसका सीधा असर आपकी ईएमआई पर नहीं पड़ेगा। हालांकि, अगर किसी कारणवश ब्याज दर में कटौती होती है, तो ग्राहकों को लोन की ईएमआई में कमी देखने को मिल सकती है।
कुल मिलाकर, इस सप्ताह रिजर्व बैंक की बैठक पर सभी की नजरें हैं, क्योंकि इसका प्रभाव न सिर्फ ब्याज दरों पर होगा, बल्कि भारत की समग्र आर्थिक दिशा पर भी इसका असर पड़ेगा।