दुनिया भर में मंदिरों का अपना धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व होता है। कुछ मंदिर अपनी भव्य वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध हैं, तो कुछ अपनी विशेष मान्यताओं और परंपराओं के कारण चर्चा में रहते हैं। भारत में देवी-देवताओं के समर्पित कई मंदिर हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया में एक ऐसा मंदिर भी है, जो अपनी अनोखी परंपरा के लिए जाना जाता है? यह मंदिर जापान में स्थित है और इसे “तलाक मंदिर” के नाम से जाना जाता है।
तलाक मंदिर का इतिहास
जापान के कामाकुरा शहर में स्थित यह मंदिर करीब 700 साल पुराना है और इसे ‘तलाक मंदिर’ के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर खास तौर पर उन महिलाओं के लिए एक आश्रय स्थल रहा है, जो घरेलू झगड़े या अत्याचार का शिकार हुई हैं। माना जाता है कि जब जापान में महिलाओं के अधिकार सीमित थे, तब इस मंदिर की स्थापना की गई थी, ताकि महिलाएं यहां शारीरिक और मानसिक शांति पा सकें।
महिलाओं के लिए एक सुरक्षित आश्रय
तलाक मंदिर का मुख्य उद्देश्य उन महिलाओं को सुरक्षा और शांति प्रदान करना था, जो घरेलू हिंसा या संघर्षों से परेशान थीं। यहां महिलाएं न केवल शारीरिक सुरक्षा पाती थीं, बल्कि एक ऐसा वातावरण भी मिलता था जहां वे आध्यात्मिक शांति का अनुभव कर सकती थीं।
तलाक के बाद रह सकती हैं महिलाएं
पहले यह माना जाता था कि तलाक के बाद महिलाएं इस मंदिर में तीन साल तक रह सकती थीं। लेकिन बाद में यह अवधि घटाकर दो साल कर दी गई। यहां आकर महिलाएं शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ होती थीं और आत्मनिर्भर बनने का अवसर भी मिलता था। हालांकि, इस मंदिर में सिर्फ महिलाओं को ही प्रवेश की अनुमति थी, लेकिन 1902 में जब एंगाकु जी ने इस पर कब्ज़ा किया, तो पुरुषों को भी यहां प्रवेश मिल गया और पुरुष मठाधीशों की नियुक्ति की गई।
यह अनोखा मंदिर आज भी उन महिलाओं के लिए एक सुरक्षित जगह बना हुआ है, जो किसी भी प्रकार के अत्याचार या संघर्ष का सामना कर रही हैं।