भारतीय नौसेना को जल्द ही अपनी ताकत को और मजबूत करने का एक बड़ा मौका मिलेगा। 4 दिसंबर को नेवी डे से पहले, भारतीय नौसेना के चीफ एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने एक प्रेस कांफ्रेंस में बड़ी घोषणाएं की। इनमें से सबसे प्रमुख था राफेल नेवल वेरिएंट विमानों की खरीदारी। आने वाले समय में 26 राफेल एम (Naval Variant) विमानों की भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल होंगे, जो नौसेना की युद्धक क्षमता को कई गुना बढ़ा देंगे।
राफेल विमानों का महत्व
यह डील भारतीय नौसेना के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। राफेल एम विमानों के साथ, INS विक्रांत पर तैनात किए जाने वाले अत्याधुनिक फाइटर जेट्स को लेकर लंबे समय से हो रही प्रतीक्षा अब खत्म हो जाएगी। पिछले साल जुलाई में, रक्षा मंत्रालय ने राफेल नेवल वर्जन की खरीद को मंजूरी दी थी और अब अगले महीने कैबिनेट कमेटी ऑफ सिक्योरिटी (CCS) की मंजूरी के बाद डील साइन हो जाएगी। इसके साथ ही भारतीय नौसेना के पास दुनिया के सबसे बेहतरीन और तकनीकी रूप से उन्नत विमानों में से एक होगा, जो समुद्र में शत्रु के खिलाफ अधिक प्रभावी तरीके से मुकाबला कर सकेंगे।
वर्तमान स्थिति और भविष्य की योजना
फिलहाल भारतीय नौसेना रूस निर्मित मिग-29के विमानों का उपयोग करती है, लेकिन राफेल विमानों की एंट्री से नौसेना की ताकत में अभूतपूर्व इजाफा होगा। इसके अलावा, भारतीय नौसेना के पास वर्तमान में 62 शिप और एक सबमरीन निर्माणाधीन हैं। भविष्य में 31 और जहाजों का निर्माण किया जाएगा, जिससे समुद्र की सीमाओं की सुरक्षा और भी मजबूत हो सकेगी। इसके साथ ही, भारतीय नौसेना में चेतक हेलीकॉप्टर की जगह 60 नए हेलीकॉप्टर भी शामिल किए जाने की योजना है, जो संचालन को और भी सशक्त बनाएंगे।
चीन और पाकिस्तान पर नजर
नेवी चीफ ने यह भी बताया कि भारतीय नौसेना हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में चीन की गतिविधियों पर बारीकी से नजर रखे हुए है। चीन के सर्वे वेसल और युद्धपोतों के मूवमेंट की लगातार निगरानी की जा रही है, ताकि किसी भी प्रकार की सुरक्षा चुनौती से निपटा जा सके। इसके अलावा, पाकिस्तान के बेड़े में शामिल हो रहे 50 शिप्स का भी उल्लेख किया गया, जो चीन की मदद से तैयार किए जा रहे हैं। एडमिरल त्रिपाठी ने चुटकी लेते हुए कहा, “पाकिस्तान ने वेलफेयर की जगह वेपन्स चुने हैं, और हम उन्हें गुड लक कहते हैं।”
न्यूक्लियर ताकत में वृद्धि
भारतीय नौसेना की न्यूक्लियर ताकत में भी सुधार हो रहा है। एडमिरल त्रिपाठी ने INS अरिघात का जिक्र करते हुए बताया कि यह शिप सबमर्सिबल बैलिस्टिक न्यूक्लियर (SSBN) भारत की न्यूक्लियर ताकत का प्रतीक बन चुका है। यह समुद्र, जमीन और आसमान में हमला करने में सक्षम है। इसके साथ ही, नौसेना का लक्ष्य 6 शिप सबमर्सिबल न्यूक्लियर (SSN) बनाने का है। हालांकि, फिलहाल सरकार ने दो न्यूक्लियर पावर सबमरीन को मंजूरी दी है, जो भविष्य में देश की सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
नौसेना का वैश्विक दृष्टिकोण
भारतीय नौसेना केवल देश की समुद्री सीमाओं की रक्षा नहीं कर रही है, बल्कि वह क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। अपनी ताकत को बढ़ाने के लिए भारतीय नौसेना हर मोर्चे पर लगातार काम कर रही है। आने वाले समय में, यह और भी मजबूत होगी, जिससे भारत को समुद्र में और भी प्रभावी सुरक्षा मिल सकेगी।