नई दिल्ली, 10 दिसंबर (आईएएनएस)। भारतीय आईटी इंडस्ट्री में स्पेशलाइज्ड टेक रोल की मांग 2025 में 30 से 35 प्रतिशत बढ़ सकती है। इसके साथ ही आने वाले वर्षों में कर्मचारियों के स्किल को बढ़ाने के लिए कंपनियां अधिक खर्च करेंगी। एक नई रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।
टेक्नोलॉजी और डिजिटल टैलेंट सॉल्यूशंस उपलब्ध कराने वाली कंपनी एनएलबी सर्विसेज की रिपोर्ट में बताया गया कि वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी छमाही में बड़ी कंपनियों का फोकस कैंपस हायरिंग पर रहेगा।
2025 में आईटी फ्रेशर्स की हायरिंग 15 से 20 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है। सबसे ज्यादा मांग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), मशीन लर्निंग (एमएल), डेटा एनालिटिक्स, पायथन, क्लाउड टेक्नोलॉजीज और साइबर सिक्योरिटी पर होगा।
ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (जीसीसी), मैन्युफैक्चरिंग, बीएफएसआई, हेल्थकेयर और रिटेल जैसे क्षेत्रों में भी अगले साल आईटी फ्रेशर्स की संख्या में 30-35 प्रतिशत की बढ़ोतरी की उम्मीद है।
रिपोर्ट में कहा गया कि 2021-22 के आर्थिक धीमेपन के बाद ग्राहकों ने ऑन-डिमांड हायरिंग पैटर्न और वैश्विक व्यापक आर्थिक चुनौतियों के कारण अपने खर्च में कटौती की है। इससे प्रोजेक्ट पाइपलाइन पर असर पड़ा है। हालांकि, 2025 में इसके स्थिर होने की उम्मीद है, जिससे फ्रेशर्स के लिए उम्मीदें जगी हैं।
2024 भारतीय आईटी इंडस्ट्री के लिए एक गतिशील वर्ष रहा है, जिसमें घरेलू और वैश्विक आर्थिक बदलाव एवं टेक्नोलॉजी ट्रांजिशन और कार्यबल में बदलाव का एक साथ प्रभाव देखा गया।
इस साल की दूसरी छमाही में उद्योग ने फिर से गति पकड़ी और इस कारण 2025 कई मोर्चों पर एक अच्छा वर्ष रहने की उम्मीद है।
रिपोर्ट में बताया गया, आने वाले वर्षों में,भारतीय आईटी क्षेत्र में नए लोगों की भर्ती में मजबूत वृद्धि होने की संभावना है, जिसमें विभिन्न उद्योगों में नौकरी के अवसरों में 15-20 प्रतिशत की अनुमानित वृद्धि होगी।
मांग में यह उछाल केवल भर्ती तक ही सीमित नहीं है, बल्कि कंपनियां कर्मचारियों के तकनीकी कौशल पर भी फोकस करेंगी।