नई दिल्ली: देश में बड़ी संख्या में हाइवेज और एक्सप्रेसवेज का निर्माण किया जा रहा है लेकिन इसके साथ ही सड़कों पर होने वाले हादसों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। इनमें स्पीड और लेन उल्लंघन सबसे बड़े कारण हैं। इसे देखते हुए सड़क परिवहन मंत्रालय ने अब सड़क का मालिकाना हक रखने वाली एजेंसियों के लिए हर 10 किलोमीटर पर फुटपाथ पर वाहन लोगो के साथ गति सीमा को पेंट करना अनिवार्य कर दिया है। इसका मकसद एक्सप्रेसवे और राष्ट्रीय राजमार्गों पर ड्राइवरों को मार्गदर्शन करना और उन्हें अलर्ट करना है।
मंत्रालय ने इस सप्ताह एक्सप्रेसवे और एनएच पर साइनेज के लिए व्यापक दिशा-निर्देश अधिसूचित किए, जो फरवरी, 2025 से लागू होंगे। सेफ ड्राइविंग के लिए साइनेज और रोड मेकिंग्स महत्वपूर्ण हैं क्योंकि इन्हें सड़क की भाषा माना जाता है और हर ड्राइवर को सुरक्षित ड्राइविंग के लिए इसके बारे में अच्छी जानकारी होनी चाहिए। हाइवेज पर आने-जाने वाले लोग अक्सर गति सीमा, निकास बिंदु और दिशा-निर्देश जैसे अनिवार्य और सूचनात्मक संकेतों को भूल जाते हैं। यही वजह है कि मंत्रालय ने लगातार अंतराल पर बड़े साइनेज लगाने का आदेश दिया है।
भारत में सड़क हादसे
दिशा-निर्देशों के अनुसार स्पीड लिमिट गति सीमा के साइनेज को हर 5 किमी पर लगाया जाना चाहिए। राजमार्ग का मालिकाना हक रखने वाली एजेंसियों को ड्राइवरों को सूचित करने के लिए हर 5 किमी पर नो पार्किंग साइनेज लगाना सुनिश्चित करना होगा। दिशा-निर्देशों में यह भी कहा गया है कि एमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर हर 5 किमी पर प्रदर्शित किया जाना चाहिए। दुनिया में सड़का हादसों में सबसे ज्यादा मौतें भारत में होती हैं। आंकड़ों के मुताबकि 2021 में देश में सड़क हादसों में 1,53,972 लोगों की मौत हुई थी जबकि 2022 में यह आंकड़ा बढ़कर 1,68,491 हो गया।