नई दिल्ली: क्रिप्टोकरेंसी का मुकाबला करने के लिए देसी डिजिटल करेंसी को बढ़ावा दिया जा रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) अपने अधिकारियों के साथ केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) के लिए इसकी टेस्टिंग करेगा। केंद्रीय बैंक ने हाल ही में RBI अधिकारियों के CBDC वॉलेट में रीइम्बर्समेंट किए जाने वाले भत्ते का एक हिस्सा जमा करने का फैसला किया है।
देसी डिजिटल करेंसी यानी सीबीडीसी को केंद्रीय बैंकों की ओर से सुरक्षित और स्मार्ट पेमेंट ऑप्शन के साथ-साथ क्रिप्टोकरेंसी का मुकाबला करने के लिए एक कदम के रूप में माना जाता है। यह पूरी तरह से डिजिटल होगी और डिजिटल वॉलेट में होगी। इसके जरिए आप कहीं भी पेंमेंट कर सकेंगे। यह भारत में पूरी तरह वैध होगी। अभी क्रिप्टोकरेंसी में पेमेंट भारत में वैध नहीं है। हालांकि कई दूसरे देशों में कई कंपनियां और संस्थान क्रिप्टोकरेंसी में पेमेंट स्वीकार करते हैं।
लोगों को प्रोत्साहित करने की ओर कदम
इकॉनमिक टाइम्स के अनुसार 27 दिसंबर को वरिष्ठ अधिकारियों को एक इंटरनल कम्युनिकेशन भेजा गया। इसके अनुसार, ‘CBDC रिटेल पायलट को बढ़ाने और रिजर्व बैंक के अधिकारियों की ओर से CBDC वॉलेट के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करने के लिए डिजिटल करेंसी जमा कराई जाएगी। यह करेंसी इंटरनेट/डेटा शुल्क के लिए रीइम्बर्समेंट के तौर पर जमा की जाएगी।’
चल रहा है पायलट प्रोजेक्ट
देसी डिजिटल करेंसी अभी भी पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चलन में है। एसबीआई, आईसीआईसीआई, एचडीएफसी, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक आदि डिजिटल करेंसी जारी कर रहे हैं। हालांकि अभी इसे बहुत ज्यादा सफलता नहीं मिल पाई है।
बैंक की ऐप के सीबीडीसी वॉलेट में यह करेंसी जमा होती है। आपको जितने रुपये की करेंसी चाहिए, उतने रुपये की करेंसी सीबीडीसी वॉलेट में ट्रांसफर हो जाती है और उतनी रकम अकाउंट से कट जाती है। डिजिटल वॉलेट में जमा करेंसी पर कोई ब्याज नहीं मिलता। शायद इसी कारण इसमें लोग रुचि कम दिखा रहे हैं।
क्या है रिजर्व बैंक का प्लान?
क्रिप्टोकरेंसी को टक्कर देने के लिए रिजर्व बैंक डिजिटल करेंसी को बढ़ावा देने का प्रयास लगातार कर रहा है। रिजर्व बैंक का कहना है कि इसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल दूसरे देशों में पेमेंट करने को लेकर हो सकता है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि अगर वर्तमान निर्णय कर्मचारियों के बीच अच्छा रहा तो क्या भविष्य में CBDC वॉलेट में अधिक रीइर्म्बसमेंट जमा किया जाएगा।
एक बैंकर ने कहा, ‘यूजर्स को इससे कोई आपत्ति नहीं होगी अगर वे CBDC वॉलेट से पेमेंट करने के लिए UPI और Gpay जैसे पेमेंट मोड का इस्तेमाल कर सकें या वॉलेट में खर्च न किए गए डिजिटल रुपये को वापस बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर सकें।